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पति ने कहा- 'तेरे जैसी 300 रुपये में बिकती हैं', पत्नी ने थाने में खोला सनसनीखेज राज!

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पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी नोकझोंक तो आम बात है, लेकिन कभी-कभी ये झगड़े इतने गंभीर हो जाते हैं कि मामला थाने तक पहुंच जाता है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति पर संगीन आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई है। महिला का कहना है कि उसका पति उसे ताने मारता है और कहता है, “तेरे जैसी तो 300-300 रुपये में बिकती हैं।”

पति पर अवैध संबंध और दहेज उत्पीड़न का आरोप

महिला ने पुलिस को बताया कि उसके पति के कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध हैं। इतना ही नहीं, ससुराल वाले उसे दहेज के लिए आए दिन ताने मारते और टॉर्चर करते हैं। पीड़िता का मायका हाथरस में है, जबकि उसका पति मथुरा में रहता है। महिला थाना पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

शादी में 12 लाख खर्च, फिर भी ससुराल वाले नाखुश

जानकारी के मुताबिक, हाथरस के कोतवाली जंक्शन क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती की शादी करीब एक साल पहले मथुरा जिले के फरह थाना क्षेत्र के एक युवक से हुई थी। शादी में पीड़िता के पिता ने लगभग 12 लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन ससुराल वालों को यह दान-दहेज काफी नहीं लगा। पीड़िता का आरोप है कि उसका पति न केवल अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखता है, बल्कि उसके साथ अप्राकृतिक संबंध भी बनाता है। जब वह इसका विरोध करती है, तो उसे खाना तक नहीं दिया जाता और कई दिनों तक भूखा रखा जाता है।

पति की क्रूरता: ‘तेरे जैसी 300 रुपये में बिकती हैं’

महिला का कहना है कि उसका पति अक्सर उसे अपमानित करता है और कहता है, “तेरे जैसी तो 300-300 रुपये में बहुत बिकती हैं, मैं तुझे नहीं रखूंगा।” पीड़िता ने रिश्ते को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन ससुराल वालों ने उसका उत्पीड़न बंद नहीं किया। इतना ही नहीं, उसे कई बार गर्दन पकड़कर डंडों से पीटा गया और आखिरकार घर से निकाल दिया गया। अब इस मामले में दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज हो चुका है, और महिला थाना पुलिस इसकी गहन जांच कर रही है।

पीड़िता की आपबीती: ‘मैंने बहुत सहा, अब और नहीं’

पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “मैंने हमेशा अपने रिश्ते को बचाने की कोशिश की। शुरुआत में मैंने कई बातों को नजरअंदाज भी किया, यह सोचकर कि शायद मेरा पति सुधर जाए। लेकिन न तो पति बदला और न ही ससुराल वालों का व्यवहार। हर बार बात दहेज पर आकर अटक जाती थी। वे कहते थे कि हमें और दहेज चाहिए। मैंने उन्हें समझाया कि मेरे पिता इतना पैसा और नहीं दे सकते, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। अब मैंने हिम्मत जुटाकर उनके खिलाफ आवाज उठाई है।”

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