अहोई अष्टमी का व्रत भारतीय संस्कृति में सबसे खास और प्यारे त्योहारों में से एक है। यह दिन खासकर माता-पिता के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखते हैं।
अगर आप भी अहोई अष्टमी का व्रत रखने की सोच रहे हैं और जानना चाहते हैं कि इसे कब और कैसे मनाया जाता है, तो यह लेख आपके लिए है। आइए, जानते हैं इस व्रत का महत्व, सही तारीख, पूजा विधि और कुछ आसान टिप्स।
अहोई अष्टमी का महत्वअहोई अष्टमी का व्रत मुख्य रूप से माताएं अपने बच्चों के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से बच्चों की उम्र लंबी होती है, उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन माता अहोई की पूजा की जाती है और उनसे बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है। यह व्रत माता-पिता के प्यार और समर्पण का प्रतीक है।
अहोई अष्टमी 2025: कब है?अहोई अष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह पवित्र व्रत 13 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन माताएं सुबह से व्रत शुरू करती हैं और शाम को माता अहोई की पूजा करती हैं।
अहोई अष्टमी की पूजा की परंपराएं स्नान और स्वच्छताअहोई अष्टमी के दिन स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और घर को साफ करना जरूरी माना जाता है। माता अहोई की तस्वीर या मूर्ति को भी साफ करके उन्हें स्नान कराया जाता है। इससे घर में पवित्रता बनी रहती है।
कथा और पूजाव्रत रखने वाली माताएं इस दिन अहोई माता की कथा सुनती और पढ़ती हैं। यह कथा बच्चों की सुरक्षा और सुख-शांति के लिए पढ़ी जाती है। कथा के बाद माता अहोई की स्तुति और आरती की जाती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
प्रसाद का वितरणइस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और प्रसाद बांटने की परंपरा है। ऐसा करने से माता अहोई की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लोग अपने आस-पड़ोस में मिठाई और फल बांटकर इस पर्व को और खास बनाते हैं।
विशेष भोजनव्रत के दौरान हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। कई जगह माताएं फल, मिठाई और अन्य शुद्ध चीजें माता अहोई को अर्पित करती हैं। यह भोजन व्रत के नियमों के अनुसार तैयार किया जाता है।
अहोई अष्टमी का संकल्पइस दिन माताएं पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत का संकल्प लेती हैं। वे माता अहोई से अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करती हैं। यह संकल्प पूरे दिन ध्यान, प्रार्थना और स्वच्छता के साथ निभाया जाता है।
व्रत के लिए आसान टिप्सअहोई अष्टमी का व्रत रखना आसान है, बशर्ते आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें। सुबह से शाम तक व्रत रखें और इस दौरान शुद्धता बनाए रखें। माता अहोई की तस्वीर को साफ और सुंदर रखें। व्रत में सात्विक भोजन लें और कथा सुनना न भूलें। प्रसाद में मिठाई और फल जरूर शामिल करें।
अहोई अष्टमी का व्रत न केवल बच्चों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह घर में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। इस साल 13 अक्टूबर 2025 को अपने परिवार के साथ इस खास व्रत को मनाएं और माता अहोई का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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