भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है, और इसके साथ ही मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई राज्यों में अगले सात दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यह अलर्ट खासकर पूर्वोत्तर, दक्षिण और पश्चिमी भारत के लिए है, जहां गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। आइए, इस मौसमी घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि किन राज्यों को रहना होगा सावधान।
मानसून की रफ्तार और IMD की भविष्यवाणीभारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 18 मई 2025 को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में प्रवेश कर लिया है। यह मानसून की शुरुआत का संकेत है, और अगले कुछ दिनों में यह और तेजी पकड़ेगा। IMD के अनुसार, अगले सात दिनों तक असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, दक्षिणी कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार में भारी बारिश की संभावना है। खासकर असम, मेघालय और दक्षिणी कर्नाटक के कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश (heavy rainfall) हो सकती है। इसके अलावा, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में भी अगले चार से पांच दिनों तक तेज बारिश का अनुमान है।
किन राज्यों को रहना होगा अलर्ट?IMD ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों जैसे असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन क्षेत्रों में 30 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक और पुडुचेरी में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश की आशंका है। पश्चिमी भारत में कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश (thunderstorms) का अनुमान है। बिहार और सिक्किम में भी मौसम खराब रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
चक्रवात शक्ति का खतराIMD ने चक्रवात ‘शक्ति’ के बारे में भी जानकारी दी है, जो बंगाल की खाड़ी में तेजी से विकसित हो रहा है। यह चक्रवात बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में प्रभाव डाल सकता है, और इसका असर भारत के ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 24 से 26 मई के बीच देखा जा सकता है। इस चक्रवात के चलते इन राज्यों में बारिश और तेज हवाओं की तीव्रता बढ़ सकती है। IMD ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन (disaster management) के लिए तैयार रहने को कहा है।
मौसम का असर और सावधानियांभारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव, यातायात बाधा और बिजली आपूर्ति में रुकावट की आशंका है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। IMD ने लोगों को सलाह दी है कि वे मौसम अपडेट्स पर नजर रखें, अनावश्यक यात्रा से बचें और बिजली गिरने से बचने के लिए खुले मैदानों में न जाएं। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को बारिश से बचाने के लिए उचित इंतजाम करें। यह मौसमी बदलाव (weather forecast) ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जीवन को प्रभावित कर सकता है।
सरकार और प्रशासन की तैयारीस्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें इन राज्यों में हाई अलर्ट पर हैं। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में स्कूलों को बंद करने और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चक्रवात शक्ति के संभावित प्रभाव को देखते हुए तटीय क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत और बचाव कार्यों के लिए समन्वय कर रही हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मौसम की इस चुनौती (monsoon challenges) से निपटने के लिए सभी संसाधन तैयार हों।
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