भोपाल, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि गौ-माता और गौ-पालन का हमारी सनातन संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है. जो गौ-पालन करता है वह गोपाल है और जहां गौ-पालन होता है वह घर गोकुल है. गौ-संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की उच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए सरकार समाज के सहयोग से निरंतर कार्य कर रही है. Madhya Pradesh में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालक किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि Madhya Pradesh अपनी प्राकृतिक संपदा के साथ गौ-वंश से समृद्ध राज्य है. देश के दुग्ध उत्पादन का लगभग नौ प्रतिशत Madhya Pradesh में होता है. हमारी सरकार का लक्ष्य इसे 20 प्रतिशत तक ले जाना है. इसके लिए प्रदेश के गांव-गांव में दुग्ध समृद्धि संपर्क चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत पशु चिकित्सक घर-घर जाकर पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के विभिन्न आधुनिक तरीकों, पशुओं में नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं पशु पोषण आदि के संबंध में जानकारी दे रहे हैं. प्रदेश में वर्ष 2024-25 को गौ-संरक्षण एवं संवर्धन वर्ष के रूप में मनाया गया.
हर जिले में मनाया जाएगा गोवर्धन पर्व
Chief Minister ने कहा कि प्रदेश में 21 अक्टूबर को गोवर्धन पर्व लोक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार मनाया जाए. आयोजन में गौशालाओं तथा पशुपालकों को विशेष रूप से सहभागी बनाया जाए. साथ ही गोवर्धन पर्व पर पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां दर्ज करने और नवाचार करने वाले उद्यमियों को सम्मानित भी किया जाएगा. प्रदेश की गौ-शालाओं में गोवर्धन पर्व का सामुदायिक आयोजन होगा. गोवर्धन पर्व का मुख्य आयोजन रवीन्द्र भवन भोपाल में किया जाएगा, जिसमें गोवर्धन पूजन, परिक्रमा, अन्नकूट भोग मुख्य होगा. इस अवसर पर पशुचारक समुदायों की कला, बरेदी और ठाट्या नृत्य आदि का प्रस्तुतीकरण होगा. कार्यक्रम में जैविक उत्पादक, दुग्ध उत्पाद, गोबर आधारित शिल्प के स्टॉल लगाए जाएंगे, साथ ही पशुपालन, कृषि, सहकारिता विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष व्यवस्था होगी. इसके साथ ही ग्रामीण आजीविका के लिए दुग्ध उत्पादन और वृंदावन ग्राम योजना के विस्तार के लिए भी गतिविधियों का संचालन होगा. गोवर्धन पर्व पर सभी जिलों में गतिविधियां संचालित की जाएंगी. आंगनवाड़ी केंद्रों में पंचगव्य उत्पाद जैसे घी, दूध, पनीर और दही से बनी सामग्री का वितरण किया जाएगा.
प्रदेश में चलाया गया दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान चलाया गया. अभियान के अंतर्गत गांव गांव में घर-घर जाकर पशुपालकों को पशुओं में नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान, पशुओं के टीकाकरण, उनकी स्वास्थ्य रक्षा, संतुलित पशु आहार, पशु पोषण आदि के बारे में तकनीकी और व्यावहारिक जानकारी दी गई. पशुपालकों को उपलब्ध संसाधनों में कम खर्च पर अधिक दूध उत्पादन करने और ज्यादा लाभ कमाने के बारे में जागरूक किया गया. अभियान के प्रथम चरण के अंतर्गत विभाग के अधिकारी–कर्मचारियों द्वारा 10 या अधिक गौवंश–भैंस वंश पालने वाले पशुपालकों से संवाद करने के लक्ष्य अनुसार समस्त जिलों में तीन लाख 70 हजार से अधिक पशुपालकों से उनके घर पहुंचकर भेंट की और उन्हें पशुपालन के संबंध में जानकारी दी, साथ ही उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया.
अभियान के दौरान मुख्य फोकस पशुओं के दुग्ध उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने पर रहा. अभियान के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, संभागीय आयुक्त, जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों और समाज के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भी विभिन्न स्थानों पर पशुपालकों से भेंट की गई और उन्हें दूध उत्पादन और पशुपालन से ज्यादा लाभ उठाने के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की गई एवं पशुपालकों के अनुभव भी साझा किए गए. किसानों और पशुपालकों ने भी उत्साहपूर्वक इस अभियान में सहभागिता की.
गौ-शालाओं की अनुदान राशि में वृद्धि
Madhya Pradesh शासन गौ-पालन, गौ-संवर्धन व गौ-वंश के बेहतर व्यवस्थापन के लिए कृत संकल्पित है. राज्य शासन ने गौ-शालाओं में गौ-वंश के आहार आदि के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति गो-वंश प्रतिदिन कर दिया है. गौ-शालाओं में उपलब्ध गो-वंश के भरण-पोषण के लिए 2 वर्ष पहले तक 90 करोड़ रुपये का बजट था, जिसे पिछले वर्ष बढ़ा कर 250 करोड रुपये किया गया. वित्त वर्ष 2025-26 में इस राशि को बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया गया है. गौ-वंश के व्यवस्थापन के लिए डीबीटी के माध्यम से अनुदान की राशि सीधे गौ-शालाओं के बैंक खातों में अंतरित की जा रही है. प्रत्येक माह लगभग 50 करोड़ रुपये की राशि गो-शालाओं को अंतरित की जा रही है.
1000 से अधिक नवीन गौ- शालाएं
वर्तमान में प्रदेश में 2900 गौ-शालाएं संचालित है, जिनमें लगभग 4 लाख 25 हजार गौ-वंश का व्यवस्थापन किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में Chief Minister गौ-सेवा योजना के अंतर्गत 2203 गौ-शालाएं निर्मित कर संचालित की जा रही हैं, जिनमें 2 लाख 11 हजार गौ-वंश का व्यवस्थापन किया जा रहा है. विगत एक वर्ष में 1000 से अधिक नवीन गौ-शालाएं प्रारंभ की गई हैं, जिनमें एक लाख से अधिक गौ-वंश का व्यवस्थापन किया जा रहा है. नगरीय क्षेत्रों में उपलब्ध गौ-वंश के आश्रय एवं भरण-पोषण के लिए नगर पालिक निगम ग्वालियर, उज्जैन औरइंदौर में वृहद गौशालाएं खोली गई हैं. भोपाल में 69.18 एकड़ भूमि पर 10,000 गौवंश क्षमता की वृहद गौशाला का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत लगभग 45करोड़ रुपये है. इसे आगामी एक वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य है. गौ-अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया, जिला आगर-मालवा में वर्तमान में 6500गो-वंश का व्यवस्थापन किया जा रहा है.
स्वावलंबी गौ-शालाओं (गोकुल धाम) की स्थापना नीति-2025
गौ-शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने अनूठी पहल की है. प्रदेश में स्वावलंबी गौ-शालाओं (गोकुल धाम) की स्थापना की नीति-2025 लागू की गई है, जिसमें न्यूनतम 5000 गौवंश के व्यवस्थापन के लिए राज्य सरकार द्वारा 130 एकड़ तक भूमि गौ-शालाओं को उपयोग के लिए दिए जाने को प्रावधान है. इसमें से 5 एकड़ भूमि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दी जाएगा. Madhya Pradesh ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है. स्वाबलंबी गौ-शालाओं के लिए प्रदेश के 18 जिलों में 4235 एकड़ भूमि आवंटित हो चुकी है और 13 जिलों मंदसौर, जबलपुर, रायसेन, दमोह, सागर, पन्ना, विदिशा, सतना, अशोकनगर, छतरपुर, रतलाम, शाजापुर औरभिण्ड में इस कार्य के लिए निविदाएं भी जारी की जा चुकी हैं.
Madhya Pradesh गौ-वंश के वध पर कानूनी पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य
Madhya Pradesh गो-वंश के वध पर कानूनी रूप से पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य है. प्रदेश में गौ-वंश वध प्रतिषेध अधिनियम-2004 (संशोधित 2010) लागू है, जिसमें गौ-वंश के वध पर 7 साल का कारावास तथा गो-मांस रखने/परिवहन करने पर 3 वर्ष के कारावास का प्रावधान है. अधिनियम को और अधिक कठोर करते हुए Madhya Pradesh गौ-वंश वध प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम-2024 में गौ-वंश के अवैध परिवहन में प्रयुक्त वाहन को राजसात करने का प्रावधान भी किया गया है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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