कठुआ, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . जम्मू-कश्मीर के जिला कठुआ में जसरोटा विधायक के निवास स्थान पर आयोजित तीन दिवसीय धर्मिक कार्यक्रम के दूसरे दिन स्वामी रामस्वरूप योग आचार्य जी ने चार वेदों से संबंधित एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. जिसमें धर्मगुरु स्वामी रामस्वरूप जी महाराज ने चार वेदों के महत्व, प्रासंगिकता और उनके विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी.
पत्रकारों को संबंोधित करते हुए स्वामी रामस्वरूप जी महाराज ने वेदों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और लोगों को वेदों के महत्व और प्रासंगिकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वेद हमारे प्राचीनतम और सबसे पवित्र ग्रंथ हैं. जिसमें जीवन जीने के तरीके, धार्मिक और नैतिक मूल्यों, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. स्वामी जी ने बताया कि वेदों में वर्णित प्रमुख देवताओं में अग्नि, इंद्र, वरुण, और विष्णु शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये देवता प्रकृति की विभिन्न शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमें प्रकृति की पूजा और संरक्षण के महत्व को समझाते हैं. स्वामी जी ने बताया कि वेदों में वर्णित कर्मकांड और पूजा पद्धतियां हमें अपने जीवन को पवित्र और सार्थक बनाने के तरीके सिखाती हैं. उन्होंने कहा कि ये कर्मकांड और पूजा पद्धतियां हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने जीवन को सुखी बनाने में मदद करती हैं. स्वामी जी ने बताया कि वेदों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में भी उल्लेख किया गया है. उन्होंने कहा कि वेदों में वर्णित वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं और हमें अपने जीवन में उनका उपयोग करना चाहिए.
स्वामी जी ने बताया कि वेदों के अनुसार जीवन जीने से हमें कई फायदे होते हैं. उन्होंने कहा कि वेदों के अनुसार जीवन जीने से हम अपने जीवन को पवित्र और सार्थक बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि वेदों में वर्णित सामाजिक और नैतिक मूल्य हमें अपने जीवन में पालन करने चाहिए. उन्होंने कहा कि ये मूल्य हमें अपने समाज को बेहतर बनाने और अपने जीवन को सुखी बनाने में मदद करते हैं. स्वामी जी ने बताया कि वेदों के बारे में आम लोगों की कई भ्रांतियां हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वेदों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से हम इन भ्रांतियों को दूर कर सकते हैं और वेदों के महत्व को समझ सकते हैं.
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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