कोलकाता, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व सैन्य अधिकारियों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों के खिलाफ धरना देने की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति तिर्थंकर घोष की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को सोमवार को मेयो रोड पर शांतिपूर्ण धरना आयोजित करने की इजाजत दी।
पूर्व सैन्य अधिकारियों का कहना था कि कोलकाता पुलिस ने उन्हें विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल कर धरना करने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पूर्व सैनिकों के पक्ष में आदेश जारी किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सेना का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। सोमवार को सेना के जवानों ने मैदान क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के पास तृणमूल कांग्रेस द्वारा बनाए गए मंच को हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। यह इलाका सेना के अधिकार क्षेत्र में आता है।
सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री बनर्जी खुद मौके पर पहुंचीं और विरोध जताया। उनके पहुंचने पर सेना के जवानों ने मंच हटाने की कार्रवाई रोक दी और कथित तौर पर वापस लौट गए। ममता ने आरोप लगाया था कि यह कार्रवाई भाजपा के निर्देश पर की जा रही थी। उन्होंने कहा था, मैं सेना को दोष नहीं देती, लेकिन भाजपा की वेंडेटा पॉलिटिक्स के तहत सेना का दुरुपयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि सेना को इस मामले में कोलकाता पुलिस से परामर्श करना चाहिए था और अगर उनसे सीधे संपर्क किया जाता तो वह खुद मंच हटवा देतीं।
इस घटना के अगले दिन कोलकाता पुलिस ने यातायात नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कर सेना के एक ट्रक चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की, जिसने कथित तौर पर पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा की गाड़ी से टकराने की कोशिश की थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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