फरीदाबाद, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . अपनी व बहनों की एआई से एडिट की गई अश्लील तस्वीरों से ब्लैकमेल होने के कारण एक युवक ने सल्फास खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. मृतक तीन बहनों का इकलौता भाई था. ओल्ड थाना प्रभारी विष्णुमित्र के अनुसार एक नामजद सहित दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. मृतक का फोन फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है. ओल्ड फरीदाबाद की बसेलवा कॉलोनी में रहने वाले मनोज भारती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका सबसे छोटा बेटा राहुल डीएवी कॉलेज एनआइटी-तीन में बीकाॅम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था. Saturday को राहुल अचानक से उल्टी करने लगा. परिवार के लोगों ने समझा कि अधिक खाने पीने की वजह से फूड पॉइजनिंग हो गई है, जिस पर उसे समीपवर्ती डाक्टर के पास ले जाया गया, जहां उसने डॉक्टर को सल्फास खाने के बारे में बताया. इस पर डॉक्टर ने परिजन को तुरंत ही निजी अस्पताल में दाखिल कराने के लिए कहा. परिजनों ने राहुल को सेक्टर-8 स्थित सर्वोदय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां देर रात राहुल ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद घर में पूरी तरह से चीख पुकार मच गई. किसी को भी विश्वास नहीं हुआ कि जिस बेटे के व्रत के लिए मां इतनी तैयारी कर रही है. वह इस दुनिया से ही चला जाएगा. परिजनों के अनुसार राहुल का फोन चेक करने पर ब्लैकमेलिंग की पूरी कहानी समझ में आ गई. जिसकी वजह से उसकी जान गई. 13 अक्टूबर को राहुल के फोन पर अज्ञात नंबर से एक लिंक आया. लिंक को ओपन करते ही राहुल का फोन हैक हो गया. उसके कुछ देर बाद ही उसी नंबर से एडिट किया हुआ राहुल का न्यूड फोटो भेजा गया. फिर उसकी बहनों के भी एडिट किए गए फोटो भेजे गए. न्यूड फोटो भेजकर राहुल से रुपये की मांग की गई. इसके साथ यह भी कहा गया कि अगर रुपये नहीं भेजे तो सारे फोटो प्रसारित कर दिए जाएंगे. राहुल ने अपने फोन से 30 हजार रुपये संबंधित नंबर पर ट्रांसफर भी किए. लेकिन और पैसों की मांग की जाने लगी. जिसकी वजह से राहुल परेशान हो गया. उसने यह बात परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं बताई. मरने से पहले राहुल ने अपने बचपन के दोस्त साहिल को जहरीले पदार्थ की फोटो भेजी. इसके साथ ही चैट के माध्यम से इसको खाने के बारे में भी पूछा. साहिल ने अपने दोस्त को मना करने या उसके परिवार वालों को बताने के बजाय मैसेज में ओके लिख दिया. परिजनों का कहना है कि ब्लैकमेलिंग की पूरी कहानी साहिल को पता थी. वह चाहता था राहुल की जान बचाई जा सकती थी.
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
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