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जनसंघ के संस्थापक कैलाशपति मिश्र की 102वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, सादगी और समर्पण की मिसाल

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जनसंघ के संस्थापक और समर्पित नेता कैलाशपति मिश्र की 102वीं जयंती पर युवा संगठन ब्रह्मर्षि समाज ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मिश्र जी की जीवन गाथा आज भी नेताओं और युवाओं के लिए सादगी और त्याग की प्रेरणा है।

❖ राजनीतिक योगदान

कैलाशपति मिश्र को 1955 में बिहार में जनसंघ की स्थापना के लिए भेजा गया। वे एक समर्पित प्रचारक और संगठनकर्ता थे, जिन्होंने पार्टी को स्थापना और विस्तार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

❖ मंत्री रहते भी साधारण जीवन

1977 में जब वे जनता पार्टी सरकार में वित्त मंत्री बने, तब भी उन्होंने जीवन में सादगी और कार्यकर्ताओं के प्रति समर्पण बनाए रखा। राष्ट्रपति शासन लगने पर उनके खाते में केवल 1300 रुपये थे। मंत्री होने के बावजूद वे अक्सर कार्यकर्ताओं के घर भोजन किया करते थे।

❖ श्रद्धांजलि समारोह

उनकी जयंती पर युवा ब्रह्मर्षि समाज ने आयोजन किया जिसमें मिश्र जी के जीवन और कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। समारोह में उनके आदर्शों, संगठनात्मक कार्य और लोक कल्याण के प्रति समर्पण पर प्रकाश डाला गया।

❖ सादगी और प्रेरणा

कैलाशपति मिश्र का जीवन आज भी राजनीति में सादगी, त्याग और जनसेवा का उदाहरण माना जाता है। उनके योगदान से यह संदेश मिलता है कि सत्ता और पद की चाह से ऊपर उठकर समाज और कार्यकर्ताओं की सेवा सबसे बड़ी उपलब्धि है।

❖ युवा वर्ग के लिए संदेश

भविष्य के नेताओं और युवाओं को कैलाशपति मिश्र के जीवन से यह सीख मिलती है कि सादगी, ईमानदारी और समर्पण ही किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि की वास्तविक सफलता की नींव है।

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