राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी बड़ी बहन रोहिणी आचार्य के बारे में एक भावुक बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा, "रोहिणी दीदी ने मेरे पिता लालू यादव के लिए अपनी किडनी दान कर दी। यह एक ऐसा त्याग है जो आज के समय में कम ही देखने को मिलता है। उन्होंने मुझे पाला-पोसा; उनका प्यार और त्याग अविस्मरणीय है।"
तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव ने छपरा की जनता के अनुरोध पर रोहिणी आचार्य को छपरा से टिकट दिया था। रोहिणी पार्टी को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रही हैं और तेजस्वी ने कहा कि उनकी बहन का योगदान पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। तेजस्वी ने दोहराया कि राजद का ध्यान केवल बिहार के विकास पर है।
रोहिणी के समर्थन में तेजस्वी के खिलाफ नारे...वैशाली जिले में अधिकार यात्रा पूरी करने के बाद, तेजस्वी यादव का काफिला सारण के सोनपुर से आगे बढ़ रहा था। बजरंग चौक पर बड़ी संख्या में राजद समर्थक मौजूद थे। तेजस्वी यादव के पहुँचते ही "रोहिणी आचार्य ज़िंदाबाद" के नारे लगने लगे, जिसके बाद तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मियों ने काफिले को बाहर निकाला और पटना के लिए रवाना हो गए। रोहिणी ने सारण से संसदीय चुनाव लड़ा है और हारने के बावजूद उनके समर्थकों का उत्साह बरकरार है।
तेजस्वी यादव के लिए दोहरी चुनौतीतेजस्वी यादव के सामने दो बड़ी चुनौतियाँ हैं: बिहार में सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाना और अपने परिवार को बचाए रखना। पारिवारिक मतभेद और नेतृत्व की चुनौतियाँ उनके लिए चुनौती बन सकती हैं। मतदाता परिवार और पार्टी में संभावित मतभेदों पर सवाल उठा सकते हैं। तेजस्वी को राजनीतिक और पारिवारिक मोर्चों के बीच संतुलन बनाना होगा।
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