Next Story
Newszop

उदयपुर के संगमरमर व्यापारियों की तुर्की से आयात पर रोक लगाने की मांग

Send Push
राजस्थान का संगमरमर उद्योग और तुर्की से आयात पर चिंता

राजस्थान संगमरमर का एक प्रमुख केंद्र है, जो अपनी विशेष पहचान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। उदयपुर, जो इस क्षेत्र का मुख्य संगमरमर केंद्र है, ने हाल ही में तुर्की के साथ चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार से एक महत्वपूर्ण अपील की है।


 


व्यापारियों ने तुर्की से संगमरमर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तुर्की द्वारा भेजे गए ड्रोन का उपयोग पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था। इस संदर्भ में, व्यापारियों ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वे तुर्की से आयात को रोकें। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि वे खुद तुर्की से कोई आयात नहीं करेंगे।


 


उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तुर्की से संगमरमर के आयात पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में, वे सरकार के हालिया निर्णयों का समर्थन करते हैं।


 


पटेल ने कहा, "हमने सरकार को आश्वासन दिया है कि यदि वे किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हमारा मानना है कि व्यापार और उद्योग राष्ट्रीय हित से बड़े नहीं हो सकते।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत के अन्य संगठन भी तुर्की से आयात रोकने का निर्णय लेते हैं, तो यह एक स्पष्ट संदेश देगा कि भारतीय व्यवसाय इस महत्वपूर्ण समय में सरकार का समर्थन कर रहे हैं।


 


व्यापारियों का यह भी कहना है कि प्रतिबंध केवल संगमरमर पर क्यों लगाया जाए। उनका सुझाव है कि भारत को तुर्की से आयात होने वाले अन्य उत्पादों पर भी रोक लगानी चाहिए। उदयपुर स्थित व्यापारी संगठन ने बताया कि भारत हर साल 14-18 लाख टन संगमरमर का आयात करता है, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत तुर्की से आता है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के महासचिव हितेश पटेल ने कहा कि तुर्की से आयात का मूल्य 2500-3000 करोड़ रुपये है।


 


उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की थी, जिसमें यह पाया गया कि ये तुर्की के अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन थे।


Loving Newspoint? Download the app now