Mangalwar Vrat: कई लोग भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार, यह व्रत मंगलदेव को समर्पित होता है। ज्योतिष में मंगल दोष और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए भी इस दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर, लोग इस व्रत को ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार से आरंभ करते हैं।
ज्येष्ठ माह के मंगलवार का महत्व
इसका कारण यह है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़े मंगल के रूप में माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, इसी माह के मंगलवार को भगवान राम और हनुमान जी का मिलन हुआ था, इसलिए इस माह के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल माना जाता है।
2025 में ज्येष्ठ माह की शुरुआत
साल 2025 में ज्येष्ठ माह 13 मई से शुरू होगा, जो मंगलवार का दिन है। इस प्रकार, 2025 का पहला बड़ा मंगल 13 मई को होगा। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म भी मंगलवार को हुआ था, इसलिए यह दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। हालांकि, किसी भी शास्त्र में हनुमान जी के व्रत का उल्लेख नहीं है।
शास्त्रों में क्या कहा गया है?
ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। बृहस्पति संहिता के अनुसार, मंगलवार मंगल ग्रह का दिन है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मंगल के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। स्कंद पुराण में भी मंगलदेव की पूजा का उल्लेख है, जिसमें बताया गया है कि मंगलवार को लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ चढ़ाकर पूजा करने से साहस और विजय प्राप्त होती है।
हनुमान जी के व्रत का उल्लेख नहीं
भगवान हनुमान, श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हैं, लेकिन रामचरितमानस, रामायण और हनुमान चालीसा में कहीं भी मंगलवार व्रत को हनुमान जी के लिए नहीं बताया गया है। स्कंद पुराण में हनुमान जी का जन्म मंगलवार को होने का उल्लेख है, लेकिन व्रत का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
लोक मान्यताओं का प्रभाव
हालांकि शास्त्रों में प्रमाण नहीं होने के बावजूद, कई लोग मंगलवार का व्रत हनुमान जी के लिए रखते हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है, और हनुमान जी भी इन्हीं गुणों के लिए जाने जाते हैं। इस कारण भक्त मंगलवार को उनकी पूजा करते हैं।
मंगलवार के व्रत के लाभ
मंगलदेव के लिए मंगलवार का व्रत कई लाभ प्रदान करता है। मंगल ग्रह कुंडली में साहस, जोश और तरक्की का कारक है, लेकिन इसका बुरा प्रभाव झगड़े और परेशानियों का कारण बन सकता है। इस कारण मंगलवार का व्रत रखने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- झगड़ों और हादसों से सुरक्षा मिलती है।
- नौकरी और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मन की शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
व्रत करने की विधि
मंगलदेव के लिए मंगलवार का व्रत सरल और पवित्र है। सुबह सूरज उगने से पहले उठकर स्नान करें। फिर मंगलदेव या मंगल यंत्र की पूजा करें। पूजा में लाल फूल, लाल चंदन और गुड़ चढ़ाएं। इसके बाद 'ॐ अं अंगारकाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। दिन में एक बार सात्विक भोजन करें, जिसमें नमक न हो। शाम को मंदिर में दीप जलाएं और मसूर दाल या तांबे की वस्तु का दान करें। यह व्रत 21 या 45 मंगलवार तक रखा जा सकता है। अंत में विधिवत उद्यापन करें, ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके।
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