नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की खुलकर सराहना और डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को नकारे जाने के चलते पहले से ही असहज कांग्रेस के सामने अब नई समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल पार्टी के कद्दावर नेता पी. चिदंबरम ने भी ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम को लेकर मोदी सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों को सराहा है। इतना ही नहीं चिदंबरम ने तो विपक्ष के इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए। चिदंबरम ने कहा कि वो इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि इंडिया गठबंधन अभी बरकरार है या नहीं।
चिदंबरम ने यह बातें ‘कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डिफिसीट’ शीर्षक वाली किताब के विमोचन के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के बारे में स्पष्ट जानकारी सलमान खुर्शीद दे सकते हैं क्योंकि वो इसका हिस्सा रहे हैं। चिदंबरम ने कहा कि ऐसा लगता नहीं है कि इंडिया गठबंधन अभी एकजुट है, इसमें बिखराव दिख रहा है और इसका भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता। चिदंबरम ने हालांकि बाद में यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन को अब भी जोड़ा जा सकता है, अगर समय रहते इस पर काम किया जाए तो कुछ हो सकता है।
चिदंबरम बोले, गठबंधन को लेकर मैं अलग तरीके से सोचता हूं। मेरा मानना है कि गठबंधन को सिर्फ चुनाव के समय पर नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्हें पांच साल तक पोषित करना पड़ता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश में सिर्फ दो ही ऐसे राज्य हैं जहां सही मायने में गठबंधन सफल रहा है। ये दो राज्य तमिलनाडु और केरल हैं, वहां की गठबंधन पार्टियां चुनाव में जीत और हार दोनों में साथ रही हैं। वहीं कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद बोले कि गठबंधन के लिए आप किसी पार्टी पर दबाव नहीं बना सकते, गठबंधन को बरकरार रखना सभी दलों की जिम्मेदारी है।
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