ढाका: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस हमारे इतिहास से शेख मुजीबुर रहमान का नाम मिटाने की कोशिश करते हुए इस्लामाबाद को खुश कर रहे हैं। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद, मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने के बाद से बांग्लादेश और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्तमान में शेख हसीना भारत में शरण ली हुई हैं।
बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों पर हसीना ने क्या कहा
WION को दिए इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा, "बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान के साथ स्थिर संबंध रखना उचित है। लेकिन यूनुस का पाकिस्तान को जल्दबाजी में गले लगाना किसी भी प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता की एक हताश, बिना किसी रणनीति के इच्छा को दर्शाता है। पाकिस्तान ने 1971 के लिए कभी माफी नहीं मांगी।" पाकिस्तान ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू कर बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) में 30 लाख लोगों की हत्याएं की थी। इनमें अधिकांश बांग्लादेश के आम बंगाली भाषी लोग थे, जो पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र मुल्क का समर्थन कर रहे थे।
बांग्लादेश चुनावों को लेकर तोड़ी चुप्पी
बांग्लादेश के आगामी चुनाव को लेकर हसीना ने कहा, "मेरी प्राथमिकता बांग्लादेश का कल्याण और स्थिरता है। अवामी लीग बांग्लादेश के इतिहास में रची-बसी है और उसे करोड़ों आम लोगों का समर्थन प्राप्त है। अगर अवामी लीग की भागीदारी पर प्रतिबंध जारी रहा तो ये नियोजित चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष या समावेशी नहीं हो सकते। लाखों आम लोग मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। यह बांग्लादेश के लिए एक त्रासदी होगी क्योंकि देश को जनता की सच्ची सहमति से शासन करने वाली सरकार की सख्त जरूरत है। हमें पार्टी बहिष्कार और प्रतिबंधों के विनाशकारी चक्र को समाप्त करना होगा और एक वैध सरकार के गठन का अवसर देना होगा।"
अवामी लीग पर प्रतिबंध को बताया असहनीय
उन्होंने कहा, "अवामी लीग देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह सरकार में हो या विपक्ष में। यह प्रतिबंध असहनीय है। अवामी लीग नौ बार जनता के वोट से चुनी गई है और उसने कभी भी असंवैधानिक तरीक़ों से सत्ता हासिल नहीं की है। फिर भी यहां एक अंतरिम सरकार है, जो ख़ुद पूरी तरह से अनिर्वाचित है, और उस पार्टी पर प्रतिबंध लगा रही है जिसे पिछले चुनाव में जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से चुना था। एक पार्टी के तौर पर, हम इस प्रतिबंध को कानूनी, कूटनीतिक और शांतिपूर्ण तरीके से चुनौती देते रहेंगे। बांग्लादेश अपने लोगों का है, और भय और दमन से शासन करने वाला कोई भी शासन हमेशा के लिए नहीं टिकता।"
मोहम्मद यूनुस पर साधा निशाना
शेख मुजीबुर रहमान के घर में हुए तोड़फोड़ पर शेख हसीना ने कहा, "मेरे पिता के घर को जलाया जाना बांग्लादेश में हो रही घटनाओं का प्रतीक था। यह हमारे राष्ट्र के मूल सिद्धांतों और इतिहास को नष्ट करने का एक प्रयास था। अनिर्वाचित सरकार के भीतर कट्टरपंथी हमें बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जुलाई से, बांग्लादेश पूरी तरह से अराजकता की स्थिति में पहुंच गया है। पत्रकारों को चुप कराया जा रहा है, अल्पसंख्यक डर में जी रहे हैं, और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर किया जा रहा है। इस बीच, यूनुस ने दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को रिहा कर दिया है और उन लोगों को छूट दे दी है जिन्हें वे 'जुलाई योद्धा' कहते हैं: वही लोग जिन्होंने पुलिस थानों को जलाया, अधिकारियों की हत्या की और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे को नष्ट किया।"
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था नष्ट करने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार में जो अर्थव्यवस्था कभी फल-फूल रही थी, वह अब तेजी से गिर रही है। कानून का राज ध्वस्त किया जा रहा है। जिन लोगों को सताया जा रहा है, उन पर झूठे मुकदमे चल रहे हैं, जबकि अपराध करने वालों को पद और विशेषाधिकार दिए जा रहे हैं। इस शासन ने न्याय व्यवस्था को बदले की भावना में बदल दिया है। सत्ता अपने सहयोगियों और ज्ञात अतिवादियों को सौंपी जा रही है। शासन और अराजकता के बीच की रेखा पूरी तरह से मिट गई है।"
बांग्लादेश वापसी पर क्या बोलीं शेख हसीना
शेख हसीना ने कहा है कि उनकी घर वापसी सहभागितापूर्ण लोकतंत्र की बहाली, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटने और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावों के आयोजन पर निर्भर करती है। सीना ने अनिर्वाचित यूनुस प्रशासन पर भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालने और चरमपंथी ताकतों को सशक्त बनाने का भी आरोप लगाया। अपनी विदेश नीति की तुलना बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार से करते हुए, उन्होंने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच व्यापक और गहरे संबंधों को यूनुस के कार्यकाल की मूर्खतापूर्ण गतिविधियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। हसीना ने उन्हें शरण देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वह भारत सरकार और देश के लोगों के उदारतापूर्ण आतिथ्य के लिए उनकी अत्यंत आभारी हैं।
बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों पर हसीना ने क्या कहा
WION को दिए इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा, "बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान के साथ स्थिर संबंध रखना उचित है। लेकिन यूनुस का पाकिस्तान को जल्दबाजी में गले लगाना किसी भी प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता की एक हताश, बिना किसी रणनीति के इच्छा को दर्शाता है। पाकिस्तान ने 1971 के लिए कभी माफी नहीं मांगी।" पाकिस्तान ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू कर बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) में 30 लाख लोगों की हत्याएं की थी। इनमें अधिकांश बांग्लादेश के आम बंगाली भाषी लोग थे, जो पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र मुल्क का समर्थन कर रहे थे।
बांग्लादेश चुनावों को लेकर तोड़ी चुप्पी
बांग्लादेश के आगामी चुनाव को लेकर हसीना ने कहा, "मेरी प्राथमिकता बांग्लादेश का कल्याण और स्थिरता है। अवामी लीग बांग्लादेश के इतिहास में रची-बसी है और उसे करोड़ों आम लोगों का समर्थन प्राप्त है। अगर अवामी लीग की भागीदारी पर प्रतिबंध जारी रहा तो ये नियोजित चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष या समावेशी नहीं हो सकते। लाखों आम लोग मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। यह बांग्लादेश के लिए एक त्रासदी होगी क्योंकि देश को जनता की सच्ची सहमति से शासन करने वाली सरकार की सख्त जरूरत है। हमें पार्टी बहिष्कार और प्रतिबंधों के विनाशकारी चक्र को समाप्त करना होगा और एक वैध सरकार के गठन का अवसर देना होगा।"
अवामी लीग पर प्रतिबंध को बताया असहनीय
उन्होंने कहा, "अवामी लीग देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह सरकार में हो या विपक्ष में। यह प्रतिबंध असहनीय है। अवामी लीग नौ बार जनता के वोट से चुनी गई है और उसने कभी भी असंवैधानिक तरीक़ों से सत्ता हासिल नहीं की है। फिर भी यहां एक अंतरिम सरकार है, जो ख़ुद पूरी तरह से अनिर्वाचित है, और उस पार्टी पर प्रतिबंध लगा रही है जिसे पिछले चुनाव में जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से चुना था। एक पार्टी के तौर पर, हम इस प्रतिबंध को कानूनी, कूटनीतिक और शांतिपूर्ण तरीके से चुनौती देते रहेंगे। बांग्लादेश अपने लोगों का है, और भय और दमन से शासन करने वाला कोई भी शासन हमेशा के लिए नहीं टिकता।"
मोहम्मद यूनुस पर साधा निशाना
शेख मुजीबुर रहमान के घर में हुए तोड़फोड़ पर शेख हसीना ने कहा, "मेरे पिता के घर को जलाया जाना बांग्लादेश में हो रही घटनाओं का प्रतीक था। यह हमारे राष्ट्र के मूल सिद्धांतों और इतिहास को नष्ट करने का एक प्रयास था। अनिर्वाचित सरकार के भीतर कट्टरपंथी हमें बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जुलाई से, बांग्लादेश पूरी तरह से अराजकता की स्थिति में पहुंच गया है। पत्रकारों को चुप कराया जा रहा है, अल्पसंख्यक डर में जी रहे हैं, और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर किया जा रहा है। इस बीच, यूनुस ने दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को रिहा कर दिया है और उन लोगों को छूट दे दी है जिन्हें वे 'जुलाई योद्धा' कहते हैं: वही लोग जिन्होंने पुलिस थानों को जलाया, अधिकारियों की हत्या की और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे को नष्ट किया।"
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था नष्ट करने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार में जो अर्थव्यवस्था कभी फल-फूल रही थी, वह अब तेजी से गिर रही है। कानून का राज ध्वस्त किया जा रहा है। जिन लोगों को सताया जा रहा है, उन पर झूठे मुकदमे चल रहे हैं, जबकि अपराध करने वालों को पद और विशेषाधिकार दिए जा रहे हैं। इस शासन ने न्याय व्यवस्था को बदले की भावना में बदल दिया है। सत्ता अपने सहयोगियों और ज्ञात अतिवादियों को सौंपी जा रही है। शासन और अराजकता के बीच की रेखा पूरी तरह से मिट गई है।"
बांग्लादेश वापसी पर क्या बोलीं शेख हसीना
शेख हसीना ने कहा है कि उनकी घर वापसी सहभागितापूर्ण लोकतंत्र की बहाली, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटने और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावों के आयोजन पर निर्भर करती है। सीना ने अनिर्वाचित यूनुस प्रशासन पर भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालने और चरमपंथी ताकतों को सशक्त बनाने का भी आरोप लगाया। अपनी विदेश नीति की तुलना बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार से करते हुए, उन्होंने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच व्यापक और गहरे संबंधों को यूनुस के कार्यकाल की मूर्खतापूर्ण गतिविधियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। हसीना ने उन्हें शरण देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वह भारत सरकार और देश के लोगों के उदारतापूर्ण आतिथ्य के लिए उनकी अत्यंत आभारी हैं।
You may also like

Ek Deewane Ki Deewaniyat: बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी

पाकिस्तानी न्यूज एंकर की हंसी बनी चर्चा का विषय

शतरंज विश्व कप 2025: अर्जुन, प्रज्ञानानंदा और हरिकृष्णा के मुकाबले ड्रॉ; प्रणव और कार्तिक का सफर थमा

केरवां बांध के फुट ब्रिज का पुनर्निर्माण सम्बन्धी कार्य तुरंत प्रारंभ करें: मंत्री सिलावट

कैंसर के संकेत: जानें कब हो जाएं सतर्क




