इस्तांबुल/इस्लामाबाद/काबुल: पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने गुरुवार को इस्तांबुल में वार्ता के दौरान युद्धविराम को जारी रखने पर सहमति जताई है। कतर के साथ वार्ता में मध्यस्थता करने वाले तुर्की ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। तुर्की के विदेश मंत्रालय से जारी संयुक्त बयान के अनुसार, इस्तांबुल में तुर्की और कतर की मध्यस्थता में हुई लंबी वार्ता के बाद सभी पक्ष एक निगरानी और सत्यापन तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं, जो शांति बनाए रखना सुनिश्चित करेगा और उल्लंघन करने वाले पक्ष पर दंड लगाएगा। इस समझौते को 'क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक रचनात्मक कदम' बताया गया है।   
   
इस्तांबुल में ही होगी अगली बैठक
इसमें आगे गया है कि इस तंत्र को कैसे लागू किया जाए, यह तय करने के लिए 6 नवम्बर को इस्तांबुल में फिर बैठक होगी। इस महीने पाकिस्तानी सेना और तालिबान बलों के बीच भीषण झड़प हुई थी। तालिबान के 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद दोनों देशों के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य टकराव था, जिसमें दोनों पक्षों से सैकड़ों लोग मारे गए। हिंसा को रोकने के लिए कतर और तुर्की ने मध्यस्थता की और दोहा में दोनों पक्षों की बैठक कराई जहां 19 अक्टूबर को दोनों देश युद्धविराम पर तैयार हुए थे।
   
इसके बाद दूसरे दौर की बैठक तुर्की के इस्तांबुल में शुरू हुई लेकिन यह बीच में टूट गई। गुरुवार को एक बार फिर बातचीत शुरू होने की जानकारी सामने आई, जहां युद्धविराम को जारी रखने पर सहमति बनी। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस्तांबुल में आधी रात से कुछ पहले एक अलग बयान जारी कर वार्ता के समापन की पुष्टि की और कहा कि दोनों पक्ष भविष्य की बैठकों में चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ आपसी सम्मान और गैर-हस्तक्षेप पर आधारिक अच्छे संबंध चाहता है।
   
आसिफ ने कहा- शांति को एक और मौका
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद ने तुर्की और कतर के अनुरोध पर शांति को एक और मौका देने का फैसला किया है। आसिफ ने जियो न्यूज को बताया, 'बातचीत बेनतीज लगने के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल स्वदेश लौटने वाला था, लेकिन हमारे तुर्की और कतरी भाइयों के आग्रह पर हम रुके रहे और इसी से सब कुछ बदल गया।'
  
इस्तांबुल में ही होगी अगली बैठक
इसमें आगे गया है कि इस तंत्र को कैसे लागू किया जाए, यह तय करने के लिए 6 नवम्बर को इस्तांबुल में फिर बैठक होगी। इस महीने पाकिस्तानी सेना और तालिबान बलों के बीच भीषण झड़प हुई थी। तालिबान के 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद दोनों देशों के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य टकराव था, जिसमें दोनों पक्षों से सैकड़ों लोग मारे गए। हिंसा को रोकने के लिए कतर और तुर्की ने मध्यस्थता की और दोहा में दोनों पक्षों की बैठक कराई जहां 19 अक्टूबर को दोनों देश युद्धविराम पर तैयार हुए थे।
इसके बाद दूसरे दौर की बैठक तुर्की के इस्तांबुल में शुरू हुई लेकिन यह बीच में टूट गई। गुरुवार को एक बार फिर बातचीत शुरू होने की जानकारी सामने आई, जहां युद्धविराम को जारी रखने पर सहमति बनी। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस्तांबुल में आधी रात से कुछ पहले एक अलग बयान जारी कर वार्ता के समापन की पुष्टि की और कहा कि दोनों पक्ष भविष्य की बैठकों में चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ आपसी सम्मान और गैर-हस्तक्षेप पर आधारिक अच्छे संबंध चाहता है।
आसिफ ने कहा- शांति को एक और मौका
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद ने तुर्की और कतर के अनुरोध पर शांति को एक और मौका देने का फैसला किया है। आसिफ ने जियो न्यूज को बताया, 'बातचीत बेनतीज लगने के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल स्वदेश लौटने वाला था, लेकिन हमारे तुर्की और कतरी भाइयों के आग्रह पर हम रुके रहे और इसी से सब कुछ बदल गया।'
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