नई दिल्ली: कहते हैं "गम का दौर हो या हो खुशी, शमां बांधती है शराब।" लेकिन जब शराब ही नकली (Spurious Liquor) हो तो शमां कैसे बंधे? जी हां, दिल्ली में ऐसा ही कुछ मामला पकड़ में आया है। दिल्ली सरकार की शराब दुकान (DSIDC) के कर्मचारी ही ऐसा कर रहे थे। ये कर्मचारी ग्लेनलिवेट, सिवाज रीगल, जॉनी वॉकर गोल्ड लेबल, ब्लैक डॉग, हेनरिक्स जिन और गोडावन जैसे प्रीमियम विदेशी ब्रांडों की खाली बोतलों में घटिया, लोकल लीकर भर रहे थे। इन बोतलों को सरकारी दुकानों से प्रीमियम इंपोर्टेड लिकर कह कर बेचा जा रहा था।
आबकारी विभाग ने किया खुलासान्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के मुताबिक दिल्ली के आबकारी विभाग ने बीते गुरुवार को इस मामले का भंडाफोड़ किया। विभागीय अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर नरेला के एक मॉल में स्थित DSIDC के इंपोर्टेड लीकर शॉप पर छापा मारा। अधिकारियों ने पाया कि दुकान के कर्मचारी महंगी व्हिस्की, जिन और वोडका की खाली बोतलों में सस्ती शराब और पानी भरकर उन्हें प्रीमियम ब्रांड बताकर बेच रहे थे। यह सब दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन (DSIIDC) की शराब की दुकान में हो रहा था। इस दुकान को अब सील कर दिया गया है और अधिकारी इस बड़े शराब घोटाले की जांच कर रहे हैं।
कैसे होता था गोरखधंधाआबकारी विभाग के अधिकारी जब वहां पहुंचे तो दुकान थोड़ी खुली हुई दिखी। अंदर चार कर्मचारियों को कथित तौर पर बोतलें भरते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एक आबकारी अधिकारी ने बताया, 'कर्मचारी कबाड़ियों से खाली बोतलें खरीदते थे, उन्हें भरते थे और फिर नकली बारकोड लगाकर महंगी शराब के तौर पर बेचते थे। हमने DSIIDC को सूचित कर दिया है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।' मॉल के बाहर खड़ी एक कार की भी तलाशी ली गई, जिसमें खाली बोतलों से भरा एक बैग मिला। इनमें से कुछ बोतलों का इस्तेमाल इस अवैध काम में हो रहा था।
खूब मिली खाली बोतलेंनरेला थाने की पुलिस को मौके पर बुलाया गया और मामला दर्ज किया गया है। उस दुकान में मिली इंपोर्टेड शराब की बोतलों, शराब भरने के उपकरणों और कार को जब्त कर लिया गया है। भरी हुई बोतलों के सैंपल केमिकल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि उनमें भरे असली माल का पता चल सके। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने 106 खाली बोतलें, 39 प्रीमियम शराब की बोतलें, शराब भरने का सामान और एक स्विफ्ट डिजायर कार जब्त की, जिसके बारे में शक है कि इसका इस्तेमाल इस गोरखधंधे में किया जा रहा था। जांचकर्ताओं ने बताया कि इस नकली शराब के धंधे में ग्लेनलिवेट Glenlivet, सिवाज रीगल Chivas Regal, जॉनी वॉकर गोल्ड लेबल Johnnie Walker Gold Label, ब्लैक डॉग Black Dog, हेनरिक्स जिन Hendrick’s Gin और गोडावन Godawan जैसे प्रीमियम विदेशी ब्रांडों की खाली बोतलों में घटिया, स्थानीय स्तर पर बनाई गई शराब भरी जा रही थी।
ग्राहकों को दे रहे थे धोखा
एक आबकारी अधिकारी ने बताया, 'यह ग्राहकों को धोखा देने और भारी मुनाफा कमाने का एक स्पष्ट प्रयास था, साथ ही राज्य के राजस्व को भी चूना लगाया जा रहा था।' दिल्ली आबकारी विभाग ने इस घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है। क्योंकि इस तरह की नकली शराब न केवल सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है, बल्कि यह सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचाती है।
आबकारी विभाग ने किया खुलासान्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के मुताबिक दिल्ली के आबकारी विभाग ने बीते गुरुवार को इस मामले का भंडाफोड़ किया। विभागीय अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर नरेला के एक मॉल में स्थित DSIDC के इंपोर्टेड लीकर शॉप पर छापा मारा। अधिकारियों ने पाया कि दुकान के कर्मचारी महंगी व्हिस्की, जिन और वोडका की खाली बोतलों में सस्ती शराब और पानी भरकर उन्हें प्रीमियम ब्रांड बताकर बेच रहे थे। यह सब दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन (DSIIDC) की शराब की दुकान में हो रहा था। इस दुकान को अब सील कर दिया गया है और अधिकारी इस बड़े शराब घोटाले की जांच कर रहे हैं।
कैसे होता था गोरखधंधाआबकारी विभाग के अधिकारी जब वहां पहुंचे तो दुकान थोड़ी खुली हुई दिखी। अंदर चार कर्मचारियों को कथित तौर पर बोतलें भरते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एक आबकारी अधिकारी ने बताया, 'कर्मचारी कबाड़ियों से खाली बोतलें खरीदते थे, उन्हें भरते थे और फिर नकली बारकोड लगाकर महंगी शराब के तौर पर बेचते थे। हमने DSIIDC को सूचित कर दिया है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।' मॉल के बाहर खड़ी एक कार की भी तलाशी ली गई, जिसमें खाली बोतलों से भरा एक बैग मिला। इनमें से कुछ बोतलों का इस्तेमाल इस अवैध काम में हो रहा था।
खूब मिली खाली बोतलेंनरेला थाने की पुलिस को मौके पर बुलाया गया और मामला दर्ज किया गया है। उस दुकान में मिली इंपोर्टेड शराब की बोतलों, शराब भरने के उपकरणों और कार को जब्त कर लिया गया है। भरी हुई बोतलों के सैंपल केमिकल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि उनमें भरे असली माल का पता चल सके। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने 106 खाली बोतलें, 39 प्रीमियम शराब की बोतलें, शराब भरने का सामान और एक स्विफ्ट डिजायर कार जब्त की, जिसके बारे में शक है कि इसका इस्तेमाल इस गोरखधंधे में किया जा रहा था। जांचकर्ताओं ने बताया कि इस नकली शराब के धंधे में ग्लेनलिवेट Glenlivet, सिवाज रीगल Chivas Regal, जॉनी वॉकर गोल्ड लेबल Johnnie Walker Gold Label, ब्लैक डॉग Black Dog, हेनरिक्स जिन Hendrick’s Gin और गोडावन Godawan जैसे प्रीमियम विदेशी ब्रांडों की खाली बोतलों में घटिया, स्थानीय स्तर पर बनाई गई शराब भरी जा रही थी।
ग्राहकों को दे रहे थे धोखा
एक आबकारी अधिकारी ने बताया, 'यह ग्राहकों को धोखा देने और भारी मुनाफा कमाने का एक स्पष्ट प्रयास था, साथ ही राज्य के राजस्व को भी चूना लगाया जा रहा था।' दिल्ली आबकारी विभाग ने इस घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है। क्योंकि इस तरह की नकली शराब न केवल सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है, बल्कि यह सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचाती है।
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