कोलकाता: महाराष्ट्र में कथित बलात्कार के बाद एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या को लेकर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने हमला बोला है। टीएमसी ने मामले पर चुप्पी साध लेने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि क्या बीजेपी अब भावनात्मक रूप से दिवालिया हो गई है। पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल प्रवक्ता शशि पांजा ने कहा कि अगर ऐसी घटना पश्चिम बंगाल में होती तो पहाड़ टूट गया होता।
बीजेपी अब तक राजनीतिक रूप से दिवालिया
दरअसल महाराष्ट्र में सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल की एक डॉक्टर गुरुवार रात एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी मिली। उसने अपनी हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर एक पुलिस उपनिरीक्षक पर बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। पांजा ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि हम जानते थे कि बीजेपी अब तक राजनीतिक रूप से दिवालिया हो चुकी है। लेकिन क्या पार्टी अब भावनात्मक रूप से भी दिवालिया हो गई है? पार्टी ने सातारा की दुखद घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला।
राष्ट्रीय चैनल चुप क्यों हैं?
तृणमूल नेता ने कहा कि मीडिया की आवाज अब कहां है? राष्ट्रीय चैनल चुप क्यों हैं? अगर यह घटना पश्चिम बंगाल में हुई होती, तो पहाड़ टूट गया होता तथा महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के सदस्य राज्य का दौरा करने लगते। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने शनिवार को उन दो लोगों में से एक को पुणे से गिरफ्तार कर लिया, जिनका नाम डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में लिखा था।
एजेंसियां और न्याय की मांग करने वाली आवाजें कहां हैं?
पांजा ने कहा कि ये एजेंसियां और न्याय की मांग करने वाली आवाजें कहां हैं? क्या ये एजेंसियां भाजपा शासित राज्यों का दौरा नहीं करतीं जहां ‘डबल इंजन सरकार’ है? या ये केवल पश्चिम बंगाल के लिए ही आरक्षित हैं? उन्होंने कि बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेशी कहने को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा। राज्य की महिला बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री पांजा ने आरोप लगाया कि बीजेपी का दुस्साहस और अहंकार सभी सीमाओं को पार कर गया है।
बीजेपी अब तक राजनीतिक रूप से दिवालिया
दरअसल महाराष्ट्र में सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल की एक डॉक्टर गुरुवार रात एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी मिली। उसने अपनी हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर एक पुलिस उपनिरीक्षक पर बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। पांजा ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि हम जानते थे कि बीजेपी अब तक राजनीतिक रूप से दिवालिया हो चुकी है। लेकिन क्या पार्टी अब भावनात्मक रूप से भी दिवालिया हो गई है? पार्टी ने सातारा की दुखद घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला।
राष्ट्रीय चैनल चुप क्यों हैं?
तृणमूल नेता ने कहा कि मीडिया की आवाज अब कहां है? राष्ट्रीय चैनल चुप क्यों हैं? अगर यह घटना पश्चिम बंगाल में हुई होती, तो पहाड़ टूट गया होता तथा महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के सदस्य राज्य का दौरा करने लगते। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने शनिवार को उन दो लोगों में से एक को पुणे से गिरफ्तार कर लिया, जिनका नाम डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में लिखा था।
एजेंसियां और न्याय की मांग करने वाली आवाजें कहां हैं?
पांजा ने कहा कि ये एजेंसियां और न्याय की मांग करने वाली आवाजें कहां हैं? क्या ये एजेंसियां भाजपा शासित राज्यों का दौरा नहीं करतीं जहां ‘डबल इंजन सरकार’ है? या ये केवल पश्चिम बंगाल के लिए ही आरक्षित हैं? उन्होंने कि बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेशी कहने को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा। राज्य की महिला बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री पांजा ने आरोप लगाया कि बीजेपी का दुस्साहस और अहंकार सभी सीमाओं को पार कर गया है।
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