नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत उसकी लगातार उकसावे वाली हरकतों का कड़ा जवाब देगा। भागवत ने कहा कि दिल्ली को "उसी भाषा में बात करनी चाहिए जो वे समझते हैं। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि एक दिन इस्लामाबाद समझ जाएगा कि मुकाबला करने के बजाय सहयोग करना बेहतर है। संघ प्रमुख बेंगलुरु में "संघ यात्रा के 100 साल: नए क्षितिज" नाम की दो दिन की लेक्चर सीरीज़ को संबोधित करते रहे थे।
पाकिस्तान को भागवत की दो टूक
भागवत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे कोई दूसरी भाषा समझते हैं। हमें पाकिस्तान को समझाना होगा। इसलिए हमें उसी भाषा में बात करनी होगी जो वे समझते हैं। हमें उनकी बार-बार की कोशिशों के लिए तैयार रहना होगा। हमें उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना होगा, उन्हें हमेशा हराना होगा, हर बार उन्हें ऐसा नुकसान पहुंचाना होगा कि उन्हें पछतावा हो।
भागवत ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे लगातार जवाब आखिरकार पाकिस्तान को अपना रवैया बदलने पर मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा, "जब यह चलता रहेगा, तो एक दिन पाकिस्तान समझ जाएगा। हम चाहते हैं कि वे यह समझें और फिर हमारे बहुत शांतिपूर्ण पड़ोसी बन जाएं। हमारी तरक्की के साथ हम उन्हें भी तरक्की करवाएंगे।
भारत की मंशा हमेशा रही शांतिपूर्ण
भागवत ने आगे कहा कि भारत की हमेशा 'शांतिपूर्ण मंशा' रही है, लेकिन यह पाकिस्तान है जिसे हमारे साथ शांति नहीं है। जब तक पाकिस्तान को भारत को नुकसान पहुंचाने से कुछ संतुष्टि मिलती रहेगी, वह ऐसा करता रहेगा। RSS प्रमुख ने आगे कहा कि भारत लड़ाई शुरू नहीं करेगा, लेकिन शांति भंग करने वालों को बिना सजe के नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति का रास्ता यह है कि हम अपनी तरफ से शांति भंग न करें, लेकिन अगर पाकिस्तान उस शांति को भंग करना चाहता है, तो वह कभी सफल नहीं होगा। वह जितनी ज़्यादा कोशिश करेगा, उतना ही अधिक नुकसान उसे होगा। उन्होंने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने 1971 में हमला किया था और भारत के हाथों अपनी 90,000 सैनिकों की पूरी सेना खो दी थी।
पाकिस्तान को भागवत की दो टूक
भागवत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे कोई दूसरी भाषा समझते हैं। हमें पाकिस्तान को समझाना होगा। इसलिए हमें उसी भाषा में बात करनी होगी जो वे समझते हैं। हमें उनकी बार-बार की कोशिशों के लिए तैयार रहना होगा। हमें उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना होगा, उन्हें हमेशा हराना होगा, हर बार उन्हें ऐसा नुकसान पहुंचाना होगा कि उन्हें पछतावा हो।
भागवत ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे लगातार जवाब आखिरकार पाकिस्तान को अपना रवैया बदलने पर मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा, "जब यह चलता रहेगा, तो एक दिन पाकिस्तान समझ जाएगा। हम चाहते हैं कि वे यह समझें और फिर हमारे बहुत शांतिपूर्ण पड़ोसी बन जाएं। हमारी तरक्की के साथ हम उन्हें भी तरक्की करवाएंगे।
भारत की मंशा हमेशा रही शांतिपूर्ण
भागवत ने आगे कहा कि भारत की हमेशा 'शांतिपूर्ण मंशा' रही है, लेकिन यह पाकिस्तान है जिसे हमारे साथ शांति नहीं है। जब तक पाकिस्तान को भारत को नुकसान पहुंचाने से कुछ संतुष्टि मिलती रहेगी, वह ऐसा करता रहेगा। RSS प्रमुख ने आगे कहा कि भारत लड़ाई शुरू नहीं करेगा, लेकिन शांति भंग करने वालों को बिना सजe के नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति का रास्ता यह है कि हम अपनी तरफ से शांति भंग न करें, लेकिन अगर पाकिस्तान उस शांति को भंग करना चाहता है, तो वह कभी सफल नहीं होगा। वह जितनी ज़्यादा कोशिश करेगा, उतना ही अधिक नुकसान उसे होगा। उन्होंने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने 1971 में हमला किया था और भारत के हाथों अपनी 90,000 सैनिकों की पूरी सेना खो दी थी।
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