अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। बीते कुछ दिनों से लगातार मौसम साफ बना रहने के कारण तापमान में बढ़ोतरी हो गई है। जिसकी वजह से ठीकठाक गर्मी होने लगी है। राजधानी लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, बहराइच, वाराणसी बीएचयू समेत तमाम जिलों में अधिकतम तापमान 35℃ के पार पहुंच गया है। वहीं आने वाले दिनों में भी करीब-करीब मौसम जस का तस बना रह सकता है। क्योंकि अगले 6 दिनों के दौरान प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश होने की संभावना नहीं है।
24 सितंबर को पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है। जबकि पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। इसी तरह 25 सितंबर को पश्चिमी यूपी में मौसम साफ रहने के साथ ही पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार जताए गए हैं। इस अवधि में प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश होने का अलर्ट नहीं जारी किया गया है।
बारिश-बौछार का अपडेटइसी तरह 26 सितंबर को पश्चिमी यूपी में कहीं-कहीं पर और पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। जबकि 27 और 28 सितंबर को भी प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश होने के आसार जताए गए हैं। साथ ही गरज चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती है। 29 सितंबर को भी पश्चिमी और पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है।
वहीं मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह की माने तो आगामी 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से मानसून के वापस लौटने की परिस्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 14 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान से शुरू हुई थी और 16 व 22 सितंबर को पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों से भी मानसून ने वापसी के संकेत दिए हैं। अतुल कुमार सिंह ने आगे बताया कि प्रदेश में फिलहाल कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं है।
क्या है मौसम में बदलाव की वजहउन्होंने बताया कि निचले क्षोभमंडल में व्याप्त शुष्क पछुआ/उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 1-2 स्थानों को छोड़कर, प्रदेश के पश्चिमी और मध्यवर्ती हिस्सों में पिछले 3-4 दिनों से जारी शुष्क मौसम अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है।
उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्नदाब क्षेत्र के कारण तटीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी उड़ीसा तट एवं संलग्न उत्तरी-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित गतिविधियों से पूर्वांचल के दक्षिणी और पूर्वी जिलों में 24 सितंबर से कहीं-कहीं बूंदाबांदी और छिटपुट बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही 26 सितंबर तक इसका प्रभाव प्रदेश के कुछ हिस्सों और बुंदेलखंड क्षेत्र तक पहुंच सकता है।
24 सितंबर को पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है। जबकि पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। इसी तरह 25 सितंबर को पश्चिमी यूपी में मौसम साफ रहने के साथ ही पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार जताए गए हैं। इस अवधि में प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश होने का अलर्ट नहीं जारी किया गया है।
बारिश-बौछार का अपडेटइसी तरह 26 सितंबर को पश्चिमी यूपी में कहीं-कहीं पर और पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। जबकि 27 और 28 सितंबर को भी प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश होने के आसार जताए गए हैं। साथ ही गरज चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती है। 29 सितंबर को भी पश्चिमी और पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है।
वहीं मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह की माने तो आगामी 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से मानसून के वापस लौटने की परिस्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 14 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान से शुरू हुई थी और 16 व 22 सितंबर को पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों से भी मानसून ने वापसी के संकेत दिए हैं। अतुल कुमार सिंह ने आगे बताया कि प्रदेश में फिलहाल कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं है।
क्या है मौसम में बदलाव की वजहउन्होंने बताया कि निचले क्षोभमंडल में व्याप्त शुष्क पछुआ/उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 1-2 स्थानों को छोड़कर, प्रदेश के पश्चिमी और मध्यवर्ती हिस्सों में पिछले 3-4 दिनों से जारी शुष्क मौसम अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है।
उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्नदाब क्षेत्र के कारण तटीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी उड़ीसा तट एवं संलग्न उत्तरी-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित गतिविधियों से पूर्वांचल के दक्षिणी और पूर्वी जिलों में 24 सितंबर से कहीं-कहीं बूंदाबांदी और छिटपुट बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही 26 सितंबर तक इसका प्रभाव प्रदेश के कुछ हिस्सों और बुंदेलखंड क्षेत्र तक पहुंच सकता है।
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