नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदना चाहती है। इसको लेकर वायुसेना के पास जितने भी विकल्प मौजूद हैं, उनमें फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन की राफेल को प्राथमिकता मिल रही है। राफेल लड़ाकू विमान पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट नहीं हैं। मतलब, इसमें दुश्मन के रडार को चकमा देने वाली क्षमता नहीं है। फिर भी, वायुसेना इसे खरीदने पर यूं ही विचार नहीं कर रही है। राफेल जितने तरह के हथियार लेकर हमला करने में सक्षम है, दुनिया में उस तरह की सुविधा अन्य पांच लड़ाकू विमानों में ही संभव है। ऊपर से भारतीय वायुसेना के पास राफेल उड़ाने का अनुभव पहले से ही है।
वायुसेना राफेल को मानती है विकल्प
भारतीय वायुसेना के लिए अभी 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार इस डील में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता वाले विचारों पर काफी जोर दे रही है। वैसे इस महीने की शुरुआत में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने MRFA को लेकर कहा था, 'हमारे पास विकल्पों में से यह एक है, क्योंकि हमनें पहले ही एमएमआरसीए कॉन्ट्रैक्ट पर अपना होमवर्क पूरा कर लिया था। हमने पाया है कि हमारे पास जो उम्मीदवार हैं, उनमें राफेल हमारे लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है।' उन्होंने ये भी कहा, 'अब चाहे यह राफेल हो या कुछ और इससे सच में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हां राफेल को स्वीकारना आसान है।'
पावरफुल फाइटर जेट में राफेल की गिनती
राफेल को लेकर इस चाहत के पीछे वजह है। यह अनेक तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इनमें मीडियम रेंज एयर टू सरफेस न्यूक्लियर मिसाइल (ASMP-A) भी शामिल है। फ्रांस के राफेल विमानों में हथियार रखने के लिए 14 जगह (हार्डप्वाइंट्स) हैं। ये हार्डप्वाइंट्स 9.5 टन तक हथियार ढोने में सक्षम हैं। ASMP-A मिसाइल फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने विकसित की हुई है और इसे राफेल से 500 किलोमीटर तक की रेंज में दागा जा सकता है। मल्टीपल रोल से इस तरह के न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता से लैस दुनिया में कुछ ही फाइटर जेट मौजूद हैं।
अमेरिका के पास भी ताकतवर फाइटर जेट
दुनिया के अन्य 5 लड़ाकू विमान जो बहुत ज्यादा भारी मात्रा में और ताकतवर हथियार दागने में सक्षम हैं, उनमें अमेरिकी एफ-22 रैप्टर भी शामिल है। इनमें लदे हथियार दुश्मनों के रडार को चकमा देने में सक्षम हैं। ये एक बार में 6 AIM-120 AMRAAM और दो AIM-9 मिसाइल ले जाने में सक्षम है। अमेरिकी एयरफोर्स के अनुसार एफ-22 रैप्टर दो 1,000 lb बम भी ले जा सकता है। जिन ताकतवर फाइटर जेट की हम बात कर रहे हैं, उनमें अमेरिकी स्टील्थ फाइटर एफ-35 लाइटनिंग II अगला नाम है। यह विमान के अंदर और बाहर दोनों तरफ हथियार लेकर मिशन पर उड़ान भर सकते हैं। ये भी उन हथियारों को लेकर उड़ने में सक्षम हैं, जिनमें एफ-22 रैप्टर सक्षम है।
रूस के ताकतवर फाइटर जेट
इसी तरह से रूस के सुखोई एसयू-57 भी उन स्टील्थ विमानों में शामिल है, जिन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर विमानों में गिना जाता है। भारतीय वायुसेना के लिए इन दोनों ही विमानों की खरीद को लेकर चर्चा होती रही है। अगले नाम में रूस का ही एसयू-35 लड़ाकू विमान है। यह 8 टन हथियार लेकर दुश्मनों पर हमला कर सकता है। वहीं अगला नाम अमेरिकी एफ-15ई का है, जो 11 टन के हथियारों के साथ मिशन पर निकल सकता है। यह लेजर-गाइडेड बम से हमले में भी सक्षम है और परमाणु हथियारों से भी हमला कर सकता है।
वायुसेना राफेल को मानती है विकल्प
भारतीय वायुसेना के लिए अभी 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार इस डील में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता वाले विचारों पर काफी जोर दे रही है। वैसे इस महीने की शुरुआत में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने MRFA को लेकर कहा था, 'हमारे पास विकल्पों में से यह एक है, क्योंकि हमनें पहले ही एमएमआरसीए कॉन्ट्रैक्ट पर अपना होमवर्क पूरा कर लिया था। हमने पाया है कि हमारे पास जो उम्मीदवार हैं, उनमें राफेल हमारे लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है।' उन्होंने ये भी कहा, 'अब चाहे यह राफेल हो या कुछ और इससे सच में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हां राफेल को स्वीकारना आसान है।'
पावरफुल फाइटर जेट में राफेल की गिनती
राफेल को लेकर इस चाहत के पीछे वजह है। यह अनेक तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इनमें मीडियम रेंज एयर टू सरफेस न्यूक्लियर मिसाइल (ASMP-A) भी शामिल है। फ्रांस के राफेल विमानों में हथियार रखने के लिए 14 जगह (हार्डप्वाइंट्स) हैं। ये हार्डप्वाइंट्स 9.5 टन तक हथियार ढोने में सक्षम हैं। ASMP-A मिसाइल फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने विकसित की हुई है और इसे राफेल से 500 किलोमीटर तक की रेंज में दागा जा सकता है। मल्टीपल रोल से इस तरह के न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता से लैस दुनिया में कुछ ही फाइटर जेट मौजूद हैं।
अमेरिका के पास भी ताकतवर फाइटर जेट
दुनिया के अन्य 5 लड़ाकू विमान जो बहुत ज्यादा भारी मात्रा में और ताकतवर हथियार दागने में सक्षम हैं, उनमें अमेरिकी एफ-22 रैप्टर भी शामिल है। इनमें लदे हथियार दुश्मनों के रडार को चकमा देने में सक्षम हैं। ये एक बार में 6 AIM-120 AMRAAM और दो AIM-9 मिसाइल ले जाने में सक्षम है। अमेरिकी एयरफोर्स के अनुसार एफ-22 रैप्टर दो 1,000 lb बम भी ले जा सकता है। जिन ताकतवर फाइटर जेट की हम बात कर रहे हैं, उनमें अमेरिकी स्टील्थ फाइटर एफ-35 लाइटनिंग II अगला नाम है। यह विमान के अंदर और बाहर दोनों तरफ हथियार लेकर मिशन पर उड़ान भर सकते हैं। ये भी उन हथियारों को लेकर उड़ने में सक्षम हैं, जिनमें एफ-22 रैप्टर सक्षम है।
रूस के ताकतवर फाइटर जेट
इसी तरह से रूस के सुखोई एसयू-57 भी उन स्टील्थ विमानों में शामिल है, जिन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर विमानों में गिना जाता है। भारतीय वायुसेना के लिए इन दोनों ही विमानों की खरीद को लेकर चर्चा होती रही है। अगले नाम में रूस का ही एसयू-35 लड़ाकू विमान है। यह 8 टन हथियार लेकर दुश्मनों पर हमला कर सकता है। वहीं अगला नाम अमेरिकी एफ-15ई का है, जो 11 टन के हथियारों के साथ मिशन पर निकल सकता है। यह लेजर-गाइडेड बम से हमले में भी सक्षम है और परमाणु हथियारों से भी हमला कर सकता है।