नई दिल्ली: नव नियुक्त अमेरिकी राजदूत और ट्रंप के खासमखास सर्जियो गोर ने औपचारिक रूप से पदभार संभालने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। ऐसा काफी कम होता है कि पीएम ने पदभार संभालने से पहले ही किसी राजदूत से मुलाकात की हो। पीएम मोदी और सर्जियो गोर की मुलाकात को भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की दिशा में बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और जल्द ही समझौता हो सकता है, जिससे मई से दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव को दूर करने में मदद मिलेगी।
द्विपक्षीय रिश्तों पर पड़ सकता था असर
इस व्यापार समझौते को लेकर जारी विवादों से द्विपक्षीय रिश्तों के अन्य पहलुओं पर असर पड़ सकता था। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके गाजा शांति योजना की सफलता पर बधाई दी और कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले हफ्तों में दोनों नेता निकट संपर्क में रहेंगे।
ईस्ट एशिया सम्मेलनों में मिल सकते हैं मोदी-ट्रंप
यह संभव है कि दोनों नेता इस महीने मलेशिया में होने वाले आसियान और ईस्ट एशिया सम्मेलनों मुलाकात करेंगे। हालांकि, अभी तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। दोनों देश इस साल द्विपक्षीय बैठक के लिए उत्सुक दिख रहे हैं। अगले कुछ महीनों में क्वाड शिखर सम्मेलन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
अमेरिकी सीनेट ने राजदूत-नामित सर्जियो गोर की नियुक्ति की पुष्टि कर दी है। वह फिलहाल छह दिन की भारत यात्रा पर हैं ताकि वे अपनी नई जिम्मेदारी को समझ सकें। वह बाद में पदभार संभालेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गोर से मुलाकात के बाद एक्स पर लिखा कि उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों और उनके वैश्विक महत्व पर चर्चा की और उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।
भारत क्यों आए हैं सर्जियो गोर?सर्जियो गोर, उप सचिव माइकल जे रिगास के साथ भारत आए हैं। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य व्यापार वार्ता को तेज करना और फरवरी में पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान घोषित पहलुओं को आगे बढ़ाना है, ताकि संबंधों को और मजबूत किया जा सके। ट्रंप द्वारा पीएम मोदी को बैठक की याद दिलाना भारत द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। हालांकि, अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है।
माना जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और जल्द ही समझौता हो सकता है, जिससे मई से दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव को दूर करने में मदद मिलेगी।
द्विपक्षीय रिश्तों पर पड़ सकता था असर
इस व्यापार समझौते को लेकर जारी विवादों से द्विपक्षीय रिश्तों के अन्य पहलुओं पर असर पड़ सकता था। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके गाजा शांति योजना की सफलता पर बधाई दी और कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले हफ्तों में दोनों नेता निकट संपर्क में रहेंगे।
Glad to receive Mr. Sergio Gor, Ambassador-designate of the US to India. I’m confident that his tenure will further strengthen the India–US Comprehensive Global Strategic Partnership.@SergioGor pic.twitter.com/WSzsPxrJXv
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2025
ईस्ट एशिया सम्मेलनों में मिल सकते हैं मोदी-ट्रंप
यह संभव है कि दोनों नेता इस महीने मलेशिया में होने वाले आसियान और ईस्ट एशिया सम्मेलनों मुलाकात करेंगे। हालांकि, अभी तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। दोनों देश इस साल द्विपक्षीय बैठक के लिए उत्सुक दिख रहे हैं। अगले कुछ महीनों में क्वाड शिखर सम्मेलन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
अमेरिकी सीनेट ने राजदूत-नामित सर्जियो गोर की नियुक्ति की पुष्टि कर दी है। वह फिलहाल छह दिन की भारत यात्रा पर हैं ताकि वे अपनी नई जिम्मेदारी को समझ सकें। वह बाद में पदभार संभालेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गोर से मुलाकात के बाद एक्स पर लिखा कि उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों और उनके वैश्विक महत्व पर चर्चा की और उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।
भारत क्यों आए हैं सर्जियो गोर?सर्जियो गोर, उप सचिव माइकल जे रिगास के साथ भारत आए हैं। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य व्यापार वार्ता को तेज करना और फरवरी में पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान घोषित पहलुओं को आगे बढ़ाना है, ताकि संबंधों को और मजबूत किया जा सके। ट्रंप द्वारा पीएम मोदी को बैठक की याद दिलाना भारत द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। हालांकि, अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है।
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