नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पिछले 24 घंटे में बड़ी गिरावट आई है। बिटकॉइन , इथेरियम, बाइनेंस और डॉगकॉइन समेत दुनिया की प्रमुख क्रिप्टो सोमवार को औंधे मुंह गिर गईं। कॉइनमार्केटकैप के अनुसार दोपहर 2:30 बजे तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप में 3.60 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी थी। इस गिरावट के साथ इसका मार्केट कैप पिछले 24 घंटे में 3.73 लाख करोड़ डॉलर से गिरकर 3.59 लाख करोड़ डॉलर रह गया। यानी 24 घंटे में क्रिप्टो निवेशकों को 0.14 लाख करोड़ डॉलर (करीब 12.43 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो गया।
बात अगर बिटकॉइन की करें तो दुनिया का यह सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी पिछले 24 घंटे में इसमें 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वीकेंड पर बिटकॉइन 1,11,000 डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे यह 1,07,759 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे महंगी क्रिप्टो इथेरियम पिछले 24 घंटे में 4 फीसदी से ज्यादा फिसल गई है। रिपल, बाइनेंस, सोलाना, डॉगकॉइन आदि भी 6 फीसदी से ज्यादा तक लुढ़क चुकी हैं। पिछले हफ्ते इथेरियम 11.58% नीचे चला गया था, जबकि बिटकॉइन इसी अवधि में 6.59% गिरी थी। ऑल्टकॉइन्स पिछले हफ्ते में 16% से अधिक गिर गए हैं।
क्यों आई मार्केट में गिरावट?क्रिप्टोमार्केट में गिरावट का सबसे बड़ा कारण मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज कटौती को माना जा रहा है। वहीं बिटकॉइन में गिरावट का सबसे बड़ा कारण बड़े निवेशक रहे। दरअसल, बड़े निवेशकों (जिन्हें 'व्हेल' कहा जाता है) ने कथित तौर पर लगभग 600 मिलियन डॉलर के बिटकॉइन बेचे हैं। एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले हफ्ते के अंत में बिकवाली का दबाव फिर से बढ़ गया था।
अमेरिका की रोजगार रिपोर्ट भी कारणक्रिप्टो बाजार में गिरावट का कारण अमेरिका की एक रोजगार रिपोर्ट भी है। यह रिपोर्ट आने वाली है। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से, खासकर हाउसिंग, शायद पहले से ही मंदी में हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि इन बयानों और कमजोर रोजगार की आशंका ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के समय और मात्रा को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। इसी वजह से निवेशक ज्यादा जोखिम वाले डिजिटल एसेट्स से पैसा निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं।
बात अगर बिटकॉइन की करें तो दुनिया का यह सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी पिछले 24 घंटे में इसमें 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वीकेंड पर बिटकॉइन 1,11,000 डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे यह 1,07,759 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे महंगी क्रिप्टो इथेरियम पिछले 24 घंटे में 4 फीसदी से ज्यादा फिसल गई है। रिपल, बाइनेंस, सोलाना, डॉगकॉइन आदि भी 6 फीसदी से ज्यादा तक लुढ़क चुकी हैं। पिछले हफ्ते इथेरियम 11.58% नीचे चला गया था, जबकि बिटकॉइन इसी अवधि में 6.59% गिरी थी। ऑल्टकॉइन्स पिछले हफ्ते में 16% से अधिक गिर गए हैं।
क्यों आई मार्केट में गिरावट?क्रिप्टोमार्केट में गिरावट का सबसे बड़ा कारण मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज कटौती को माना जा रहा है। वहीं बिटकॉइन में गिरावट का सबसे बड़ा कारण बड़े निवेशक रहे। दरअसल, बड़े निवेशकों (जिन्हें 'व्हेल' कहा जाता है) ने कथित तौर पर लगभग 600 मिलियन डॉलर के बिटकॉइन बेचे हैं। एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले हफ्ते के अंत में बिकवाली का दबाव फिर से बढ़ गया था।
अमेरिका की रोजगार रिपोर्ट भी कारणक्रिप्टो बाजार में गिरावट का कारण अमेरिका की एक रोजगार रिपोर्ट भी है। यह रिपोर्ट आने वाली है। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से, खासकर हाउसिंग, शायद पहले से ही मंदी में हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि इन बयानों और कमजोर रोजगार की आशंका ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के समय और मात्रा को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। इसी वजह से निवेशक ज्यादा जोखिम वाले डिजिटल एसेट्स से पैसा निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं।
You may also like

भारत की मजबूत लोकतांत्रिक नींव के कारण दुनिया निवेश के लिए आकर्षित हो रही है : लोकसभा अध्यक्ष

थम्मा ने बॉक्स ऑफिस पर कमाए 114.90 करोड़, जॉली एलएलबी 3 को किया पार

'कनाडा से कर देंगे बाहर...', सरकार ने क्यों दी स्टूडेंट-वर्कर्स को वॉर्निंग? क्या है पूरा मामला

परंपरा और प्रौद्योगिकी का सम्मिश्रण कॉयर की वैश्विक सफलता की कुंजी है: उपराष्ट्रपति

पोहा सिर्फ नाश्ता नहीं, बल्कि है हेल्थ बूस्टर ! जानिए खाने का आयुर्वेदिक तरीका




