गाजियाबाद: गाजियाबाद वालों के लिए एक खुशखबरी है। अब शहरवासियों के लिए बॉय रोड दिल्ली का सफर बिना जाम के झाम में फंसे और भी आसान हो जाएगा। सेतु निगम की ओर से हिंडन नदी पर तीन नए पुल प्रस्तावित किए गए हैं। जिले में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने और लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र में मतौर और बागपत जिले के गांव डौलचा के बीच हिंडन पर पुल बनाने का प्रस्ताव सेतु निगम द्वारा शासन को भेजा गया है।   
   
इस पुल के बनने से दोनों जिलों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में नाव से लोगों को उस पार जाना पड़ता है। दोनों जिलों के बीच पुल बनने से करीब 20 गांवों के हजारों लाखों लोगों को फायदा होगा। मौजूदा समय में मोदीनगर और आसपास के लोगों को रटौल या बागपत जाने के लिए करीब 25 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इस पुल के बनने से यह दूरी घटेगी।
     
सिद्धार्थ विहार योजना को वसुंधरा योजना से जोड़ने के लिए हिंडन पर बनाने के लिए सेतु निगम ने फाइनल डीपीआर शासन को भेज दी है। करीब छह साल से लोग यहां पुल बनाने की मांग कर रहे थे। लोगों ने सदर विधायक संजीव शर्मा से भी पुल बनाने की मांग की थी। विधायक के पत्र के बाद सेतु निगम ने संज्ञान लिया है। कुछ दिन तक सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में रहा।
     
विधायक संजीव शर्मा ने बताया कि सिंचाई विभाग की ओर से एनओसी मिल गई है। सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रजनीश यादव का कहना है कि सर्वे के बाद डीपीआर आवास विकास परिषद और शासन को भेज दी है। इस पुल के निर्माण पर करीब 51 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। उम्मीद है कि नए साल में प्रस्तावित सभी पुलों का काम शुरू हो जाएगा।
   
सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रजनीश यादव ने बताया कि दो लेने के इस पुल को बनाने में करीब 32 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। 181 मीटर लंबे पुल को बनाने में कम से कम छह महीने का वक्त लगेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में भदौली और सिरौरा सलेमपुर के बीच हिंडन पर पुल बनने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। दोनों पुलों की डीपीआर भेज दी गई है। इस पुल की भी लंबाई 181 मीटर होगी। लागत भी करीब 32 करोड़ आने का अनुमान है।
   
दिल्ली जाना होगा आसान
सिद्धार्थ विहार योजना में हिंडन पर चार लेन पुल बनने से सबसे ज्यादा फायदा प्रताप विहार और सिद्धार्थ विहार के लोगों को होगा। वसुंधरा, इंदिरापुरम, दिल्ली जाने के लिए यहां के लोगों को काफी आसानी होगी। करीब 10 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना होगा। वसुंधरा योजना में कनावनी के पास प्रस्तावति रैंप रोड का निर्माण होने से एलिवेटेड रोड के रास्ते लोग 10 मिनट में दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर जाएंगे।
  
इस पुल के बनने से दोनों जिलों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में नाव से लोगों को उस पार जाना पड़ता है। दोनों जिलों के बीच पुल बनने से करीब 20 गांवों के हजारों लाखों लोगों को फायदा होगा। मौजूदा समय में मोदीनगर और आसपास के लोगों को रटौल या बागपत जाने के लिए करीब 25 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इस पुल के बनने से यह दूरी घटेगी।
सिद्धार्थ विहार योजना को वसुंधरा योजना से जोड़ने के लिए हिंडन पर बनाने के लिए सेतु निगम ने फाइनल डीपीआर शासन को भेज दी है। करीब छह साल से लोग यहां पुल बनाने की मांग कर रहे थे। लोगों ने सदर विधायक संजीव शर्मा से भी पुल बनाने की मांग की थी। विधायक के पत्र के बाद सेतु निगम ने संज्ञान लिया है। कुछ दिन तक सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में रहा।
विधायक संजीव शर्मा ने बताया कि सिंचाई विभाग की ओर से एनओसी मिल गई है। सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रजनीश यादव का कहना है कि सर्वे के बाद डीपीआर आवास विकास परिषद और शासन को भेज दी है। इस पुल के निर्माण पर करीब 51 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। उम्मीद है कि नए साल में प्रस्तावित सभी पुलों का काम शुरू हो जाएगा।
सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रजनीश यादव ने बताया कि दो लेने के इस पुल को बनाने में करीब 32 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। 181 मीटर लंबे पुल को बनाने में कम से कम छह महीने का वक्त लगेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में भदौली और सिरौरा सलेमपुर के बीच हिंडन पर पुल बनने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। दोनों पुलों की डीपीआर भेज दी गई है। इस पुल की भी लंबाई 181 मीटर होगी। लागत भी करीब 32 करोड़ आने का अनुमान है।
दिल्ली जाना होगा आसान
सिद्धार्थ विहार योजना में हिंडन पर चार लेन पुल बनने से सबसे ज्यादा फायदा प्रताप विहार और सिद्धार्थ विहार के लोगों को होगा। वसुंधरा, इंदिरापुरम, दिल्ली जाने के लिए यहां के लोगों को काफी आसानी होगी। करीब 10 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना होगा। वसुंधरा योजना में कनावनी के पास प्रस्तावति रैंप रोड का निर्माण होने से एलिवेटेड रोड के रास्ते लोग 10 मिनट में दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर जाएंगे।
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