नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते पल्यूशन को लेकर रविवार को इंडिया गेट के पास लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'हवा में जहर है', 'I can't breathe' और 'क्योंकि सांस भी कभी चलती थी' जैसी तख्तियां थीं। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पैरंट्स, युवा और स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस दौरान पुलिस भारी संख्या में तैनात रही और सड़क जाम होने की हालात में कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने जाम किया रोड
दिल्ली पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मान सिंह रोड को जाम कर दिया था। नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को बार-बार समझाया गया कि वे सड़क खाली कर दें और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करें लेकिन जब वे नहीं माने तो सड़क खोलने के लिए उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
उन पैरंट्स का है प्रदर्शन जिन्हें बच्चों की चिंता
पुलिस का कहना है कि केवल उन्हीं लोगों को हिरासत में लिया गया, जिन्होंने सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। प्रदर्शन में शामिल पर्यावरण एक्टिविस्ट भवरीन कंधारी ने कहा कि यह प्रदर्शन उन पैरंट्स का है जो अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
जेएनयू और डीयू को कई छात्रों ने लिया हिस्सा
सिटिजंस मार्च के आह्वान पर जेएनयू और डीयू के कई स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। जेएनयूएसयू की प्रेजिडेंट अदिति मिश्रा भी प्रदर्शन में मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि सरकार पॉल्यूशन के असली कारणों पर काम करने के बजाय केवल बयानबाजी कर रही है।
8 महीनों में साफ नहीं कर सकते हवा: सिरसा
वहीं विपक्ष के आरोपो पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कोई भी सरकार दस सालों की गंदी हवा को सात आठ महीनों में साफ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही की लोगों को प्रदूषण से राहत मिले। हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। हमने सात आठ महीनों में कई ऊंची बिल्डिंगों पर एंटी स्मॉग गन लगाई हैं। धूल को कम करने का काम किया है। मलबे पर काम हुआ है। हर दिशा में हमने काम किया है।
प्रदर्शनकारियों ने जाम किया रोड
दिल्ली पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मान सिंह रोड को जाम कर दिया था। नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को बार-बार समझाया गया कि वे सड़क खाली कर दें और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करें लेकिन जब वे नहीं माने तो सड़क खोलने के लिए उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
उन पैरंट्स का है प्रदर्शन जिन्हें बच्चों की चिंता
पुलिस का कहना है कि केवल उन्हीं लोगों को हिरासत में लिया गया, जिन्होंने सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। प्रदर्शन में शामिल पर्यावरण एक्टिविस्ट भवरीन कंधारी ने कहा कि यह प्रदर्शन उन पैरंट्स का है जो अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
जेएनयू और डीयू को कई छात्रों ने लिया हिस्सा
सिटिजंस मार्च के आह्वान पर जेएनयू और डीयू के कई स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। जेएनयूएसयू की प्रेजिडेंट अदिति मिश्रा भी प्रदर्शन में मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि सरकार पॉल्यूशन के असली कारणों पर काम करने के बजाय केवल बयानबाजी कर रही है।
8 महीनों में साफ नहीं कर सकते हवा: सिरसा
वहीं विपक्ष के आरोपो पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कोई भी सरकार दस सालों की गंदी हवा को सात आठ महीनों में साफ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही की लोगों को प्रदूषण से राहत मिले। हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। हमने सात आठ महीनों में कई ऊंची बिल्डिंगों पर एंटी स्मॉग गन लगाई हैं। धूल को कम करने का काम किया है। मलबे पर काम हुआ है। हर दिशा में हमने काम किया है।
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