नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली 2011 के बाद एक बार फिर धमाके से दहल उठी। सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की आवाज करीब 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। जिसने भी यह आवाज सुनी दहल उठा। कार में धमाका होने से 9 लोगों की मौत हो गई और करीब एक दर्जन लोग घायल हुए। ब्लास्ट के बाद चांदनी चौक, जनपथ, राजीव चौक के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल था। जांच एजेंसियां पूरे मामले की जांच कर रही हैं, जिसमें यह आतंकी घटना नजर आ रही है।
एजेंसियों द्वारा की गई पड़ताल में पता चला है कि इस ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई I20 कार पुलवामा के एक डॉक्टर उमर मोहम्मद की थी। जो कथित तौर पर फरीदाबाद में आंतकी नेटवर्क से जुड़ा था। इस आतंकी नेटवर्क के दो डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आनन-फानन में इस 'डॉक्टर डेथ' ने इस कार ब्लास्ट की आतंकी वारदात को अंजाम दिया।
सीसीटीवी फुटेज आया सामने
दिल्ली में हुए इस ब्लास्ट से ठीक पहले की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इस फुटेज में ब्लास्ट हुई I-20 कार को देखा गया है। कार में बैठा शख्स मास्क लगाए हुए है। रिपोर्ट के अनुसार, यह शख्स और को नहीं मोहम्मद उमर है। जो कि फरीदाबाद आतंकी माड्यूल से जुड़ा हुआ है। इस फुटेज में संदिग्ध अकेले ही दिखाई दे रहा है।
कौन है मोहम्मद उमर?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहम्मद उमर पेशे से डॉक्टर है। जो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला है। दिल्ली में हुए इस ब्लास्ट में इसी की कार का इस्तेमाल किया गया है। उमर पर फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े होने का शक भी है। पुलवामा में आरोपी डॉक्टर की मां और भाई से पूछताछ की जा रही है।
क्या है फरीदाबाद मॉड्यूल ?
सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के फतेहपुर तागा गांव में डॉक्टर मुजम्मिल शकील द्वारा किराए पर लिए गए दो घरों पर छापेमारी के दौरान 2900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की थी। इस जब्ती में लगभग 360 किलोग्राम अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ, जिसके अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह थे, साथ-साथ रसायन, अभिकर्मक, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरियां, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरें भी शामिल थीं। साथ ही एके-47 रायफल भी बरामद हुई थी।
शकील को छापेमारी से पहले एक अन्य डॉक्टर अदील अहमद राठर के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने कार के मालिकाना हक का भी पता लगाया। सूत्रों ने बताया कि इसका असली मालिक सलमान था, जिसने उमर द्वारा खरीदे जाने से पहले यह गाड़ी देवेंद्र को बेची थी।
एजेंसियों द्वारा की गई पड़ताल में पता चला है कि इस ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई I20 कार पुलवामा के एक डॉक्टर उमर मोहम्मद की थी। जो कथित तौर पर फरीदाबाद में आंतकी नेटवर्क से जुड़ा था। इस आतंकी नेटवर्क के दो डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आनन-फानन में इस 'डॉक्टर डेथ' ने इस कार ब्लास्ट की आतंकी वारदात को अंजाम दिया।
सीसीटीवी फुटेज आया सामने
दिल्ली में हुए इस ब्लास्ट से ठीक पहले की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इस फुटेज में ब्लास्ट हुई I-20 कार को देखा गया है। कार में बैठा शख्स मास्क लगाए हुए है। रिपोर्ट के अनुसार, यह शख्स और को नहीं मोहम्मद उमर है। जो कि फरीदाबाद आतंकी माड्यूल से जुड़ा हुआ है। इस फुटेज में संदिग्ध अकेले ही दिखाई दे रहा है।
कौन है मोहम्मद उमर?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहम्मद उमर पेशे से डॉक्टर है। जो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला है। दिल्ली में हुए इस ब्लास्ट में इसी की कार का इस्तेमाल किया गया है। उमर पर फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े होने का शक भी है। पुलवामा में आरोपी डॉक्टर की मां और भाई से पूछताछ की जा रही है।
क्या है फरीदाबाद मॉड्यूल ?
सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के फतेहपुर तागा गांव में डॉक्टर मुजम्मिल शकील द्वारा किराए पर लिए गए दो घरों पर छापेमारी के दौरान 2900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की थी। इस जब्ती में लगभग 360 किलोग्राम अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ, जिसके अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह थे, साथ-साथ रसायन, अभिकर्मक, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरियां, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरें भी शामिल थीं। साथ ही एके-47 रायफल भी बरामद हुई थी।
शकील को छापेमारी से पहले एक अन्य डॉक्टर अदील अहमद राठर के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने कार के मालिकाना हक का भी पता लगाया। सूत्रों ने बताया कि इसका असली मालिक सलमान था, जिसने उमर द्वारा खरीदे जाने से पहले यह गाड़ी देवेंद्र को बेची थी।
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