अशोक विश्वकर्मा, कौशांबी: यूपी के कौशांबी में एक मुस्लिम परिवार के हिन्दू धर्म अपनाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें मुस्लिम परिवार मंझनपुर के प्राचीन दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच पत्नी का सिंदूर दान किया तथा विधि-विधान से पूजन- अर्चन कर हिन्दू धर्म के परंपराओें व नियमों के अनुपालन का वादा किया। हालांकि इससे पहले वह हिन्दू धर्म से मुस्लिम धर्म अपना कर कौशांबी में रह रहा था।
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कौशांबी जनपद मुख्यालय के नगर पालिका पारिषद मंझनपुर के स्थानीय कस्बा के प्राचीन दुर्गा मंदिर में बुधवार को सरांय अकिल के एक मुस्लिम परिवार ने स्वेच्छा से अपने धर्म का त्याग करते हुए हिन्दू धर्म अपना लिया है। हालां कि इससे पहले अनुज सिंह राजपूत ने हिन्दू धर्म छोड मुस्लिम धर्म अपनाते हुए अपना नाम मेंहदी अली राजपूत रख लिया था। एक बार फिर उन्होंने परिवार सहित हिन्दू धर्म और सनातन में निष्ठा दिखाते हुए मेहदी अली से अनुज प्रताप राजपूत तथा पत्नी साइमा बानों से सौम्या राजपूत तथा बेटी उर्रवा बानो से उर्रविजा राजपूत के रूप में नाम परिवर्तित कर लिया है।
मेहदी अली सरायं अकिल के मिन्हाजपुर में मनोरोगियों के इलाज के लिए अम्ब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है। जो विवादो से अक्सर घिर रहता है, एक वर्ष पूर्व ट्रस्ट में काम करने वाले एक कर्मचारी अंसार अहमद ने जिलाधिकारी के यहां शिकायत कर मनोरोगियांे के साथ तमाम उत्पीडनात्मक कृत्य के आरोप लगाए थे। जो काफी दिनों तक चर्चा का केन्द्र बना रहा है।
वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा से प्रेरित हिन्दू धर्म अथवा सनातन में अपनी निष्ठा दिखाते हुए सरांय अकिल कोतवाली के पुरखास निवासी मेंहदी अली ने बुधवार को मंझनपुर के प्राचीन दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुस्लिम धर्म छोड हिन्दू धर्म अपना लिया है। इस दौरान उसने हिन्दू और सनातन धर्म अपनाते हुए पत्नी का सिंदूरदान किया, तथा विधि-विधान से पूजन अर्चन कर वैदिक मंत्रों का पाठ करते हुए नीति नियम अनुपालन का वादा किया।
प्रतापगढ निवासी अनुज सिंह राजपूत जो पिछडी जाति का लोधी राजपूत है। जिसने डेढ दशक पहले कौशांबी आकर प्रयागराज के बाहुबली अतीक अहमद के दाहिना हाथ माने जाने वाले भखन्दा निवासी मोहम्मद कवि के संपर्क में आया और उनके यहां सेवक के रूप में कार्य करने लगा। जिसके उपरांत उसने एक मुस्लिम युवती से शादी कर अपना धर्म परिवर्तन करते हुए अपना नाम अनुज सिंह राजपूत से मेंहदी अली रख लिया।
इस दौरान उसने अपने जीविका पार्जन के लिए नेवादा के मिन्हाजपुर गांव में मनोरोगियों के इलाज के लिए अब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना किया और करोडों की सम्पत्ति का मालिक बन बैठा। पिछले वर्ष ट्रस्ट के कर्मचारी अंसार अहमद पुत्र इस्लाम अहमद निवासी पुरखास यूसुफपुर ने जिलाधिकारी के यहा शिकायत कर मनोरोगियों की हत्याकर मानव अंगो की तस्करी जैसे कई जघन्य अपराध के आरोप लगाए थे। जिस पर जिलाधिकारी ने तत्कालीन सीओ चायल मनोज सिंह रघुवंशी को जांच भी सौपी थी। हिन्दू रक्षा समिति जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश सत्यार्थी ने बताया, मेंहदी अली ने स्वेच्छा से मुस्लिम धर्म छोडकर हिन्दू धर्म अपनाया है, यह सनातन और हिन्दू समाज के लिए हर्ष का विषय है, जिनके पूरे परिवार का हिन्दू धर्म में स्वागत है।
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कौशांबी जनपद मुख्यालय के नगर पालिका पारिषद मंझनपुर के स्थानीय कस्बा के प्राचीन दुर्गा मंदिर में बुधवार को सरांय अकिल के एक मुस्लिम परिवार ने स्वेच्छा से अपने धर्म का त्याग करते हुए हिन्दू धर्म अपना लिया है। हालां कि इससे पहले अनुज सिंह राजपूत ने हिन्दू धर्म छोड मुस्लिम धर्म अपनाते हुए अपना नाम मेंहदी अली राजपूत रख लिया था। एक बार फिर उन्होंने परिवार सहित हिन्दू धर्म और सनातन में निष्ठा दिखाते हुए मेहदी अली से अनुज प्रताप राजपूत तथा पत्नी साइमा बानों से सौम्या राजपूत तथा बेटी उर्रवा बानो से उर्रविजा राजपूत के रूप में नाम परिवर्तित कर लिया है।
मेहदी अली सरायं अकिल के मिन्हाजपुर में मनोरोगियों के इलाज के लिए अम्ब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है। जो विवादो से अक्सर घिर रहता है, एक वर्ष पूर्व ट्रस्ट में काम करने वाले एक कर्मचारी अंसार अहमद ने जिलाधिकारी के यहां शिकायत कर मनोरोगियांे के साथ तमाम उत्पीडनात्मक कृत्य के आरोप लगाए थे। जो काफी दिनों तक चर्चा का केन्द्र बना रहा है।
वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा से प्रेरित हिन्दू धर्म अथवा सनातन में अपनी निष्ठा दिखाते हुए सरांय अकिल कोतवाली के पुरखास निवासी मेंहदी अली ने बुधवार को मंझनपुर के प्राचीन दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुस्लिम धर्म छोड हिन्दू धर्म अपना लिया है। इस दौरान उसने हिन्दू और सनातन धर्म अपनाते हुए पत्नी का सिंदूरदान किया, तथा विधि-विधान से पूजन अर्चन कर वैदिक मंत्रों का पाठ करते हुए नीति नियम अनुपालन का वादा किया।
प्रतापगढ निवासी अनुज सिंह राजपूत जो पिछडी जाति का लोधी राजपूत है। जिसने डेढ दशक पहले कौशांबी आकर प्रयागराज के बाहुबली अतीक अहमद के दाहिना हाथ माने जाने वाले भखन्दा निवासी मोहम्मद कवि के संपर्क में आया और उनके यहां सेवक के रूप में कार्य करने लगा। जिसके उपरांत उसने एक मुस्लिम युवती से शादी कर अपना धर्म परिवर्तन करते हुए अपना नाम अनुज सिंह राजपूत से मेंहदी अली रख लिया।
इस दौरान उसने अपने जीविका पार्जन के लिए नेवादा के मिन्हाजपुर गांव में मनोरोगियों के इलाज के लिए अब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना किया और करोडों की सम्पत्ति का मालिक बन बैठा। पिछले वर्ष ट्रस्ट के कर्मचारी अंसार अहमद पुत्र इस्लाम अहमद निवासी पुरखास यूसुफपुर ने जिलाधिकारी के यहा शिकायत कर मनोरोगियों की हत्याकर मानव अंगो की तस्करी जैसे कई जघन्य अपराध के आरोप लगाए थे। जिस पर जिलाधिकारी ने तत्कालीन सीओ चायल मनोज सिंह रघुवंशी को जांच भी सौपी थी। हिन्दू रक्षा समिति जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश सत्यार्थी ने बताया, मेंहदी अली ने स्वेच्छा से मुस्लिम धर्म छोडकर हिन्दू धर्म अपनाया है, यह सनातन और हिन्दू समाज के लिए हर्ष का विषय है, जिनके पूरे परिवार का हिन्दू धर्म में स्वागत है।
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