Cost of Education in England : अंग्रेजों के देश इंग्लैंड में हायर एजुकेशन हासिल करना महंगा होने वाला है। सरकार ने संसद में ऐलान किया है कि इंग्लैंड में यूनिवर्सिटीज की ट्यूशन फीस 2026 से मुद्रास्फीति यानी महंगाई के अनुरूप सालाना बढ़ेगी। शिक्षा मंत्रालय फीस बढ़ाने के लिए माप के तौर पर खुदरा मूल्य सूचकांक का इस्तेमाल करेगी। आसान भाषा में कहें तो अब अगले साल के बाद जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे-वैसे ट्यूशन फीस भी बढ़ती जाएगी। इस तरह फीस बढ़ोतरी महंगाई से जुड़ी होगी।
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शिक्षा मंत्री ब्रिजेट फिलिप्सन ने ऐलान किया कि हर साल मुद्रास्फीति के आधार पर फीस बढ़ाने के लिए एक कानून भी पेश किया जाएगा। इसके तहत पहले दो साल तक एक समान फीस होगी, फिर उसके बाद हर साल महंगाई के आधार पर फीस बढ़ाई जाएगी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्री का कहना है कि पूरी फीस लेने से ही हाई-क्वालिटी एजुकेशन मिल सकती है। हालांकि, इस बढ़ी हुई फीस का असर सिर्फ इंग्लैंड में होगा। स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड में फीस नहीं बढ़ने वाली है।
कितनी बढ़ सकती है फीस?
ट्यूशन फीस के साथ-साथ इंग्लैंड में महंगाई के आधार पर मेंटेनेंस लोन भी हर साल बढ़ जाएगा। अभी 2024-25 अकेडमिक ईयर में ट्यूशन फीस 9,535 पाउंड है। हाल ही में इस फीस को भी बढ़ाया गया था, जो 10 साल में पहला इजाफा रहा। अगर मौजूदा महंगाई दर का इस्तेमाल किया जाता है, तो अभी ली जाने वाली सालाना ट्यूशन फीस 400 पाउंड तक बढ़ जाएगी। इस तरह स्टूडेंट्स को 2026 में 9900 पाउंड के आस-पास ट्यूशन फीस देना पड़ सकता है। ये रकम काफी ज्यादा है।
यूनिवर्सिटीज यूके ने फैसले का स्वागत किया
वहीं, ट्यूशन फीस इजाफे की खबर सुनकर यूनिवर्सिटीज यूके काफी खुश है और उसने फैसले का स्वागत किया है। 141 यूनिवर्सिटीज का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनिवर्सिटीज यूके ने कहा कि ये प्लान हमारे यूनिवर्सिटी सिस्टम के लिए एक बहुत जरूरी कदम है। चीफ एग्जिक्यूटिव विविएन स्टर्न ने कहा, 'इससे ये साफ है कि यूनिवर्सिटीज एक विशाल राष्ट्रीय संपत्ति हैं, जिनकी दुनिया भर में प्रशंसा की जानी उचित ही है। अगर हम राष्ट्रीय पुनरुत्थान चाहते हैं, तो हमें उनकी क्वालिटी का ख्याल रखना होगा।'
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शिक्षा मंत्री ब्रिजेट फिलिप्सन ने ऐलान किया कि हर साल मुद्रास्फीति के आधार पर फीस बढ़ाने के लिए एक कानून भी पेश किया जाएगा। इसके तहत पहले दो साल तक एक समान फीस होगी, फिर उसके बाद हर साल महंगाई के आधार पर फीस बढ़ाई जाएगी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्री का कहना है कि पूरी फीस लेने से ही हाई-क्वालिटी एजुकेशन मिल सकती है। हालांकि, इस बढ़ी हुई फीस का असर सिर्फ इंग्लैंड में होगा। स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड में फीस नहीं बढ़ने वाली है।
कितनी बढ़ सकती है फीस?
ट्यूशन फीस के साथ-साथ इंग्लैंड में महंगाई के आधार पर मेंटेनेंस लोन भी हर साल बढ़ जाएगा। अभी 2024-25 अकेडमिक ईयर में ट्यूशन फीस 9,535 पाउंड है। हाल ही में इस फीस को भी बढ़ाया गया था, जो 10 साल में पहला इजाफा रहा। अगर मौजूदा महंगाई दर का इस्तेमाल किया जाता है, तो अभी ली जाने वाली सालाना ट्यूशन फीस 400 पाउंड तक बढ़ जाएगी। इस तरह स्टूडेंट्स को 2026 में 9900 पाउंड के आस-पास ट्यूशन फीस देना पड़ सकता है। ये रकम काफी ज्यादा है।
यूनिवर्सिटीज यूके ने फैसले का स्वागत किया
वहीं, ट्यूशन फीस इजाफे की खबर सुनकर यूनिवर्सिटीज यूके काफी खुश है और उसने फैसले का स्वागत किया है। 141 यूनिवर्सिटीज का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनिवर्सिटीज यूके ने कहा कि ये प्लान हमारे यूनिवर्सिटी सिस्टम के लिए एक बहुत जरूरी कदम है। चीफ एग्जिक्यूटिव विविएन स्टर्न ने कहा, 'इससे ये साफ है कि यूनिवर्सिटीज एक विशाल राष्ट्रीय संपत्ति हैं, जिनकी दुनिया भर में प्रशंसा की जानी उचित ही है। अगर हम राष्ट्रीय पुनरुत्थान चाहते हैं, तो हमें उनकी क्वालिटी का ख्याल रखना होगा।'
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