IRCC International Students Data: विदेशी छात्रों के बीच कनाडा अपनी चमक खो रहा है। यहां हर साल पढ़ने आने वाले छात्रों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली रही है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजिनशिप कनाडा ( IRCC) की तरफ से जारी किए गए डाटा के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले 2025 में यहां पढ़ने आने वाली विदेशी छात्रों की संख्या में 60% से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। नए स्टूडेंट्स की संख्या सिर्फ एक साल के भीतर ही 1.32 लाख तक कम हो गई है, जो काफी ज्यादा है।
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अगस्त 2024 तक कनाडा में 1,17,400 विदेशी छात्र हायर एजुकेशन के लिए आए थे। इसकी तुलना में अगस्त 2025 तक यहां पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या महज 45,380 रही। ये लगभग 61% की गिरावट को दर्शाता है। भारतीय छात्र भी कनाडा जाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसकी एक मुख्य वजह यहां की इमिग्रेशन नीतियां हैं, जो 2023 के बाद से ही काफी ज्यादा बदल गई हैं। इन नीतियों को स्टूडेंट फ्रेंडली नहीं माना गया है, जिसने कनाडा की चमक फीकी करने का काम किया है।
क्यों कनाडा नहीं जा रहे स्टूडेंट्स?
दरअसल, कनाडा ने विदेशी छात्रों की संख्या सीमित कर दी है और इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम के तहत कड़े नियम बना दिए हैं। 2024 की शुरुआत में सरकार ने ऐलान किया कि हर साल सिर्फ 3.60 लाख स्टूडेंट परमिट की जारी किए जाएंगे। सरकार ने तर्क दिया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि घरों की कमी के किल्लत को दूर किया जा सके और इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव भी कम हो पाए। 2025 में स्टडी परमिट की तय संख्या में 10% की गिरावट और कर दी गई। इसने भी छात्रों की आवाजाही सीमित कर दी।
इसे ऐसे समझिए कि एक समय कनाडा में 5 लाख तक विदेशी छात्र पढ़ने आ रहे थे, लेकिन फिर सरकार ने प्रतिबंध लगाकर उनकी संख्या 3.50 लाख के आसपास कर दी। साथ ही सरकार ने स्टडी परमिट के लिए जरूरी फंड की लिमिट भी बढ़ा दी। इससे कम आय वाले परिवारों के स्टूडेंट्स के लिए कनाडा आना महंगा हो गया। फिर उन्होंने दूसरे देशों का रुख करना शुरू कर दिया। पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) को लेकर भी सरकार ने नए नियमों को लागू कर दिया।
पहले ग्रेजुएशन के बाद आसानी से PGWP मिल जाता था, लेकिन फिर सरकार ने कहा कि ये सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा, जो किसी खास कोर्स की पढ़ाई कर रहे होंगे। एक तरह से सरकार ने बता दिया कि अगर आप इन-इन कोर्सेज की पढ़ाई करेंगे तो फिर आपको PGWP मिलेगा। इन सब नीतियों की वजह से कनाडा विदेशी छात्रों के बीच पॉपुलैरिटी खो बैठा है और अब हम देख रहे हैं कि यहां जाने वाले छात्रों की संख्या किस तरह से कम हो गई है। ये उनकी कनाडा से 'नाराजगी' को भी दिखाता है।
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अगस्त 2024 तक कनाडा में 1,17,400 विदेशी छात्र हायर एजुकेशन के लिए आए थे। इसकी तुलना में अगस्त 2025 तक यहां पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या महज 45,380 रही। ये लगभग 61% की गिरावट को दर्शाता है। भारतीय छात्र भी कनाडा जाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसकी एक मुख्य वजह यहां की इमिग्रेशन नीतियां हैं, जो 2023 के बाद से ही काफी ज्यादा बदल गई हैं। इन नीतियों को स्टूडेंट फ्रेंडली नहीं माना गया है, जिसने कनाडा की चमक फीकी करने का काम किया है।
क्यों कनाडा नहीं जा रहे स्टूडेंट्स?
दरअसल, कनाडा ने विदेशी छात्रों की संख्या सीमित कर दी है और इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम के तहत कड़े नियम बना दिए हैं। 2024 की शुरुआत में सरकार ने ऐलान किया कि हर साल सिर्फ 3.60 लाख स्टूडेंट परमिट की जारी किए जाएंगे। सरकार ने तर्क दिया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि घरों की कमी के किल्लत को दूर किया जा सके और इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव भी कम हो पाए। 2025 में स्टडी परमिट की तय संख्या में 10% की गिरावट और कर दी गई। इसने भी छात्रों की आवाजाही सीमित कर दी।
इसे ऐसे समझिए कि एक समय कनाडा में 5 लाख तक विदेशी छात्र पढ़ने आ रहे थे, लेकिन फिर सरकार ने प्रतिबंध लगाकर उनकी संख्या 3.50 लाख के आसपास कर दी। साथ ही सरकार ने स्टडी परमिट के लिए जरूरी फंड की लिमिट भी बढ़ा दी। इससे कम आय वाले परिवारों के स्टूडेंट्स के लिए कनाडा आना महंगा हो गया। फिर उन्होंने दूसरे देशों का रुख करना शुरू कर दिया। पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) को लेकर भी सरकार ने नए नियमों को लागू कर दिया।
पहले ग्रेजुएशन के बाद आसानी से PGWP मिल जाता था, लेकिन फिर सरकार ने कहा कि ये सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा, जो किसी खास कोर्स की पढ़ाई कर रहे होंगे। एक तरह से सरकार ने बता दिया कि अगर आप इन-इन कोर्सेज की पढ़ाई करेंगे तो फिर आपको PGWP मिलेगा। इन सब नीतियों की वजह से कनाडा विदेशी छात्रों के बीच पॉपुलैरिटी खो बैठा है और अब हम देख रहे हैं कि यहां जाने वाले छात्रों की संख्या किस तरह से कम हो गई है। ये उनकी कनाडा से 'नाराजगी' को भी दिखाता है।
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