अगर आपके वर्किंग पैटर्न में कुछ कमियां हैं, कुछ ऐसा है जिसमें सुधार किया जा सकता है, वो स्किल सीखना चाहते हैं जो आपके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दें, तो इन सभी का जवाब है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। एआई बखूबी ये सारे काम करने में सक्षम है।
एआई टूल आपको अपस्किल करके बेहतरीन रिजल्ट दे सकते हैं। मगर यह होता कैसे है? यह होता है पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरिएंस, अडेप्टिव कंटेंट और रियल टाइम फीडबैक से। इस तरह से आप इंडस्ट्री में होने वाले बदलावों के लिए तैयार होते जाते हैं। फिर जब ग्रोथ का ऑप्शन आपके सामने आता है तो प्रमोशन और आगे बढ़ने की योग्यता में पूरी तरह से खरे उतरते हैं। एआई से को बेहतर तरीके से समझिए-
कौन-से स्किल हैं जरूरी?अपस्केलिंग प्रोग्राम का सबसे पहला स्टेप मौजूद स्किल की जानकारी बटोरना होता है। यह जांच करता है कि इस वक्त इंडस्ट्री में कौन से स्किल जरूरी माने जा रहे हैं। यह टूल कंपनी एम्प्लॉई में स्किल की कमी को भी जज करते हैं। फिर तय करते हैं कि कौन-से स्किल सीखे जाने चाहिए। या किसी कंपनी में किसी खास प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के लिए ही नियुक्तियां हो रही हैं तो वह इस लैंग्वेज को सीखने की सलाह भी देता है। खुद को Upskill रखना चाहते हैं तो NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
पर्सनलाइज्ड लर्निंगएआई का एल्गोरिथम कर्मचारी से जुड़े बड़े डाटा का विश्लेषण कर सकता है। उनके स्किल की तुलना उन स्किल से की जाती है, जिसकी कंपनी को जरूरत है। एआई से हर किसी की पर्सनल जरूरत के हिसाब से लर्निंग मटेरियल आसानी से मिल जाता है। इससे अपस्केलिंग प्रभावी हो जाती है।
बदलती रुचिबदलते समय और परिस्थितियों के हिसाब से इंसान की रुचि भी बदलती जाती है। एआई इस पर भी पूरी नजर रखता है। इसी के हिसाब से लर्निंग के तरीके और मुद्दों पर बदलाव करता रहता है। कर्मचारी कितनी तेज इसे सीख रहा है, इसका भी ध्यान एआई रखता है।
कंटेंट क्यूरेशनएआई के साथ कंटेंट क्यूरेशन भी किया जा सकता है। मतलब किसी कर्मचारी को एक स्किल आता है लेकिन दूसरे स्किल के साथ मिलाकर कर्मचारी के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है तो एआई उसका सुझाव भी देगा। एआई पावर कंटेंट ऑनलाइन कोर्स, आर्टिकल, वीडियो और ट्यूटोरियल्स से लिया जाता है।
वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स एआई के वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स कई सारे टास्क को मैनेज करते हैं। इससे एक-दो नहीं अनगिनत लोगों की एक बार में मदद हो पाती है। वर्चुअल असिस्टेंट लर्निंग एक्सपीरिएंस के साथ असेसमेंट और सर्वे भी करता है। जेनरेटिव एआई और चैटबॉट्स फीडबैक, कोचिंग और प्रोत्साहन भी देते हैं। इस काम में नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग मदद करती है जो एआई की ही ब्रांच है।
गेमिफिकेशन एक्टिविटीकमर्चारी के लर्निंग एक्सपीरिएंस को गेमिंग के साथ मजेदार बनाया जा सकता है। इस तरह से उन्हें अपने काम का फीडबैक तुरंत ही मिल जाता है। एआई की इस खास एक्टिविटी से कर्मचारी के लिए प्रैक्टिस करना भी आसान होता है और उन्हें बात और बेहतर तरीके से समझ आती है।
प्रीडेएक्टिव एनालिटिक्सयह एनालिटिक्स कंपनी को भविष्य में जरूरी स्किल के बारे में जानकारी देता है। इस तरह से एचआर के लिए इन स्किल के बारे में समझना और फिर ट्रेनिंग की तैयारी करना उतना कठिन नहीं रहता है।
एआई टूल आपको अपस्किल करके बेहतरीन रिजल्ट दे सकते हैं। मगर यह होता कैसे है? यह होता है पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरिएंस, अडेप्टिव कंटेंट और रियल टाइम फीडबैक से। इस तरह से आप इंडस्ट्री में होने वाले बदलावों के लिए तैयार होते जाते हैं। फिर जब ग्रोथ का ऑप्शन आपके सामने आता है तो प्रमोशन और आगे बढ़ने की योग्यता में पूरी तरह से खरे उतरते हैं। एआई से को बेहतर तरीके से समझिए-
कौन-से स्किल हैं जरूरी?अपस्केलिंग प्रोग्राम का सबसे पहला स्टेप मौजूद स्किल की जानकारी बटोरना होता है। यह जांच करता है कि इस वक्त इंडस्ट्री में कौन से स्किल जरूरी माने जा रहे हैं। यह टूल कंपनी एम्प्लॉई में स्किल की कमी को भी जज करते हैं। फिर तय करते हैं कि कौन-से स्किल सीखे जाने चाहिए। या किसी कंपनी में किसी खास प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के लिए ही नियुक्तियां हो रही हैं तो वह इस लैंग्वेज को सीखने की सलाह भी देता है। खुद को Upskill रखना चाहते हैं तो NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
पर्सनलाइज्ड लर्निंगएआई का एल्गोरिथम कर्मचारी से जुड़े बड़े डाटा का विश्लेषण कर सकता है। उनके स्किल की तुलना उन स्किल से की जाती है, जिसकी कंपनी को जरूरत है। एआई से हर किसी की पर्सनल जरूरत के हिसाब से लर्निंग मटेरियल आसानी से मिल जाता है। इससे अपस्केलिंग प्रभावी हो जाती है।
बदलती रुचिबदलते समय और परिस्थितियों के हिसाब से इंसान की रुचि भी बदलती जाती है। एआई इस पर भी पूरी नजर रखता है। इसी के हिसाब से लर्निंग के तरीके और मुद्दों पर बदलाव करता रहता है। कर्मचारी कितनी तेज इसे सीख रहा है, इसका भी ध्यान एआई रखता है।
कंटेंट क्यूरेशनएआई के साथ कंटेंट क्यूरेशन भी किया जा सकता है। मतलब किसी कर्मचारी को एक स्किल आता है लेकिन दूसरे स्किल के साथ मिलाकर कर्मचारी के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है तो एआई उसका सुझाव भी देगा। एआई पावर कंटेंट ऑनलाइन कोर्स, आर्टिकल, वीडियो और ट्यूटोरियल्स से लिया जाता है।
वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स एआई के वर्चुअल असिस्टेंट और चैटबॉट्स कई सारे टास्क को मैनेज करते हैं। इससे एक-दो नहीं अनगिनत लोगों की एक बार में मदद हो पाती है। वर्चुअल असिस्टेंट लर्निंग एक्सपीरिएंस के साथ असेसमेंट और सर्वे भी करता है। जेनरेटिव एआई और चैटबॉट्स फीडबैक, कोचिंग और प्रोत्साहन भी देते हैं। इस काम में नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग मदद करती है जो एआई की ही ब्रांच है।
गेमिफिकेशन एक्टिविटीकमर्चारी के लर्निंग एक्सपीरिएंस को गेमिंग के साथ मजेदार बनाया जा सकता है। इस तरह से उन्हें अपने काम का फीडबैक तुरंत ही मिल जाता है। एआई की इस खास एक्टिविटी से कर्मचारी के लिए प्रैक्टिस करना भी आसान होता है और उन्हें बात और बेहतर तरीके से समझ आती है।
प्रीडेएक्टिव एनालिटिक्सयह एनालिटिक्स कंपनी को भविष्य में जरूरी स्किल के बारे में जानकारी देता है। इस तरह से एचआर के लिए इन स्किल के बारे में समझना और फिर ट्रेनिंग की तैयारी करना उतना कठिन नहीं रहता है।
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