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22 भाषाओं में किताबें-वीडियो लेक्चर... भारत में इतना बदल जाएगा स्कूल सिस्टम! NCERT और IIT मद्रास की तैयारी तेज

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22 भाषाओं में स्कूली किताबें और डिजिटल कंटेंट तैयार करने की प्रक्रिया को तेज करने और स्टडी मटेरियल की क्वॉलिटी में सुधार के लिए NCERT और आईआईटी मद्रास ने मिलकर काम करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर खासा जोर दिया गया है। इसके लिए स्कूली किताबों का अनुवाद भी किया जा रहा है। इस लक्ष्य को जल्द पूरा करने के लिए आईआईटी मद्रास अब AI और मशीन लर्निंग जैसे टूल्स का प्रयोग करके बहुभाषी शिक्षा व्यवस्था में अहम योगदान देने जा रहा है।

NCERT और IIT मद्रास के बीच हुआ समझौता शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले ये दोनों संस्थान मिलकर देशभर के छात्रों के लिए विभिन्न भाषाओं में वीडियो लेक्चर भी तैयार करेंगे, जिससे छात्र अपनी स्थानीय भाषा में उस विषय को समझ सकें। शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार, एनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी, आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर प्रो. वी. कामाकोटी और सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और आईआईटी मद्रास के बीच यह समझौता हुआ है।

टीचर्स को दी जाएगी AI टूल्स की ट्रेनिंगएनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि आईआईटी मद्रास की ओर से शिक्षकों को खास AI टूल्स और ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे अपने पढ़ाने के तरीकों को और बेहतर बना सकें। साथ ही कई रिसर्च प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि AI की मदद से बच्चों को और बेहतर तरीके से कैसे पढ़ाया जा सकता है और सीखने की प्रक्रिया में क्या नए-नए बदलाव लाए जा सकते हैं? एजुकेशनल रिसर्च, डेवलपमेंट, ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन को मजबूत करने के लिए दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे।

डिजिटल होगी स्कूली शिक्षाIT/AI/ML-इनेबल्ड लर्निंग सॉल्यूशन को बढ़ावा दिया जाएगा। स्टूडेंट्स की लर्निंग, टीचर ट्रेनिंग और डिजिटल कंटेंट और प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। रिसर्च, डेटा एनालिटिक्स और बहुभाषी प्लेटफॉर्म और संसाधनों को तैयार किया जाएगा।

22 भाषाओं में होंगी स्कूली किताबेंस्कूली किताबों के 22 भाषाओं में अनुवाद की प्रक्रिया भी चल रही है। अनुवाद के साथ- साथ वीडियो कंटेंट भी तैयार होगा और छात्र को क्लास का लेक्चर अपनी भाषा में समझने का मौका मिलेगा। किताबों के अनुवाद के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। आसान भाषा में डिजिटल स्टडी मटेरियल तैयार करने में भी इस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है। भारतीय भाषाओं के वाक्यों का अनुवाद सरल भाषा में किए जाने की गाइडलाइंस तय हुई हैं ताकि कॉन्सेप्ट के मूल अर्थ में कोई बदलाव न हो।

11वीं क्लास में होगी AI और मशीन लर्निंग की पढ़ाईशिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीबीएसई से संबद्ध 28720 स्कूलों में से करीब 98 प्रतिशत में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3डी प्रिंटिंग, आईओटी समेत उभरती हुई प्रौद्योगिकी को करिकुलम में शामिल करने का प्रावधान किया है। एनसीईआरटी की 11वीं क्लास की कंप्यूटर साइंस की किताबों में एआई और मशीन लर्निंग को शामिल किया गया है।
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