New Delhi, 31 अक्टूबर . भाजपा नेता तरुण चुघ ने Friday को सिख विरोधी दंगे की सालगिरह पर दर्दनाक अतीत को याद करते हुए इसे सिख समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिन करार दिया. उन्होंने इसे कांग्रेस की ओर से सिखों पर किए गए सबसे बड़े अत्याचार के रूप में बताया और कहा कि इस जुल्म को काले अक्षरों में लिखा जाएगा.
उन्होंने से बातचीत में कहा कि सिख विरोधी दंगे के दौरान निर्दोष सिखों को मौत के घाट उतारा गया. आज का दिन सिख समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. सिख दंगे के दौरान उनकी बस्तियों को उजाड़ दिया गया था. उनके घर तबाह कर दिए गए थे. यह दुख की बात है कि यह सबकुछ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर किया गया था.
उन्होंने कहा कि सिख विरोधी दंगे के दौरान सिखों के 52 शहरों को उजाड़ दिया गया था. मतदाता सूची के आधार पर सिखों को चिन्हित करके उन्हें मौत के घाट उतारा गया था. आज भी सिख समुदाय के लोग कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की करतूतों को याद करके दहल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि आज भी सिख विरोधी दंगों के दौरान विधवा बनाई गई महिलाओं की बस्तियां मौजूद हैं. जहां जाते ही दिल दहल जाता है. लेकिन, यह दुख की बात है कि आज तक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से सिख विरोधी दंगे में संलिप्त नेताओं की भत्सर्ना नहीं की जाती है. उनका महिमामंडन किया जाता है. उनके नाम के कसीदे पढ़े जाते हैं. उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया है.
भाजपा नेता ने कहा कि आज भी सज्जन कुमार सिख दंगे में संलिप्तता की वजह से कैद में हैं. जगदीश टाइटलर से लेकर कमलनाथ तक हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि जब गुरुद्वारा जलाया जा रहा था, तो उसका नेतृत्व वो खुद कर रहे थे. एचकेएल भगत भी ऐसे ही लोगों की फेहरिस्त में शुमार हैं, जिनका नाम भी सिख दंगों में प्रमुखता से लिया जाता है. लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ऐसे नेताओं को बचाने का काम लगातार किया जाता रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर गांधी-नेहरू परिवार की बात करें, तो इन लोगों ने सिख विरोधी दंगे में शामिल अपने नेताओं को बचाने की दिशा में भरसक प्रयास किया. लेकिन, Prime Minister मोदी ने सत्ता की कमान संभालने के बाद यह सुनिश्चित किया कि सिख विरोधी दंगे में संलिप्त सभी कांग्रेस नेताओं को सलाखों के पीछे भेजा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें कठोर से कठोर सजा मिले. उन्होंने सिख समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आयोग का भी गठन किया.
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एसएचके/एबीएम
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