Mumbai , 3 अक्टूबर . तमिलनाडु में Actor से नेता बने थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली और उससे जुड़े घटनाक्रम लगातार विवादों में बने हुए हैं. अब एक नया मामला नामक्कल जिले से सामने आया है, जहां विजय की एक चुनावी रैली के दौरान हुई हिंसा के तहत एक निजी अस्पताल पर हमला किया गया. इस घटना को लेकर Police ने केस दर्ज किया है और टीवीके के नामक्कल जिला सचिव सतीश कुमार को आरोपी बनाया गया है.
इस मामले में जब सतीश कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया, तो कोर्ट ने न केवल उनकी याचिका खारिज की बल्कि कड़ी फटकार भी लगाई.
मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब पार्टी कार्यकर्ता हिंसा में शामिल होते हैं, तो पार्टी पदाधिकारी यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. अदालत ने तीखे शब्दों में पूछा, “क्या आपको अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रण में रखना नहीं आता? क्या आपको यह जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए कि आपकी पार्टी के सदस्य कानून और व्यवस्था का उल्लंघन न करें?”
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं से लोकतंत्र और समाज में गलत संदेश जाता है और Political दलों को अपने सदस्यों की गतिविधियों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
इस मामले की जांच कर रही Police ने अदालत को सूचित किया कि टीवीके की छात्र इकाई टीएवीईसी के कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान एक निजी अस्पताल में तोड़फोड़ की, जिससे अस्पताल को करीब 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. Police के मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की और वहां मौजूद स्टाफ के साथ भी बदसलूकी की गई. यह हमला रैली के दौरान हुई भगदड़ और अव्यवस्था के चलते हुआ, जब घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था और कुछ लोगों को यह भ्रम हो गया था कि अस्पताल प्रशासन Political कारणों से इलाज में देरी कर रहा है. इसी गलतफहमी के चलते गुस्साए टीवीके समर्थकों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया.
Police ने बताया कि टीवीके के जिला सचिव सतीश कुमार के खिलाफ पहले से ही आठ अन्य मामले दर्ज हैं. इन मामलों में अधिकतर आरोप सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, कानून व्यवस्था बिगाड़ने और Governmentी काम में बाधा डालने से जुड़े हुए हैं.
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पीके/एएस
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