New Delhi, 15 अक्टूबर . आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम सेहत को पीछे छोड़ते हुए जा रहे हैं. खासकर मानसिक थकान, नींद की कमी और गलत खानपान की वजह से हमारी त्वचा और आंखों के नीचे पड़ने वाले काले घेरे यानी डार्क सर्कल्स एक आम समस्या बन चुके हैं.
चाहे वो ऑफिस में लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना हो या फिर देर रात तक मोबाइल चलाना, इन सब चीजों के कारण डार्क सर्कल्स और भी गहरे होते जाते हैं, जो चेहरे की खूबसूरती को बिगाड़ते हैं. ऐसे में हर कोई इससे निजात पाना चाहता है, वो भी बिना किसी महंगे इलाज या केमिकल प्रोडक्ट्स के.
आयुष मंत्रालय और योग विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ आसान घरेलू उपाय और फेस एक्सरसाइज न केवल डार्क सर्कल्स से राहत दिला सकती हैं, बल्कि चेहरे की त्वचा को भी जवान और दमकता हुआ बना सकती हैं. इन्हीं में से एक बेहद सरल लेकिन प्रभावी उपाय है चेहरे की एक खास एक्सरसाइज, जिसे आप दिन में कभी भी कर सकते हैं. इस एक्सरसाइज को न तो किसी खास उपकरण की जरूरत होती है, न ही किसी महंगे ब्यूटी ट्रीटमेंट की.
इस एक्सरसाइज की शुरुआत गुनगुने पानी से होती है. सबसे पहले, एक गिलास हल्का गुनगुना पानी लें और उसे मुंह में भर लें. अब, मुंह में पानी भरे रहने के दौरान अपने चेहरे की सभी मांसपेशियों को जितना हो सके टाइट करें. इस स्थिति में करीब दो मिनट तक रुकें. इसके बाद पानी को बाहर निकाल दें. दिखने में यह एक्सरसाइज जितनी आसान लगती है, असर में यह उतनी ही दमदार है.
यह प्रक्रिया चेहरे की भीतरी मांसपेशियों को हल्की स्ट्रेच देती है, जिससे वहां ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. जब चेहरे की कोशिकाओं तक भरपूर ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं, तो त्वचा स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और दमकती दिखती है. आंखों के नीचे की सूजन धीरे-धीरे कम होने लगती है और काले घेरे हल्के पड़ने लगते हैं. इसके अलावा, चेहरे को टाइट करने से स्किन की टोनिंग होती है, जिससे झुर्रियों की शुरुआत भी रोकी जा सकती है.
इस एक्सरसाइज को रोजाना दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है, खासकर उनके लिए जो दिनभर स्क्रीन के सामने रहते हैं या जिनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. ऐसे लोगों में डार्क सर्कल्स का खतरा कई गुना ज्यादा होता है, क्योंकि लगातार थकान और नींद की कमी से आंखों के नीचे की त्वचा सबसे पहले प्रभावित होती है.
फेस टाइटनिंग एक्सरसाइज न केवल इस क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करती है, बल्कि मानसिक सुकून भी देती है. जब हम इसे करते हैं, तब हम अनजाने में कुछ देर के लिए गहरी सांसें भी लेने लगते हैं, जिससे शरीर और दिमाग को शांति मिलती है. यह भी एक वजह है कि इसे एक तरह का माइक्रो मेडिटेशन भी कहा जा सकता है, जो चेहरे पर भी असर करता है और मन पर भी.
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पीके/एएस
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