आगरा, 9 अक्टूबर . बहुजन Samajwadi Party की सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी की तारीफ की, जिसके बाद से सियासत तेज हो गई है.
मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने Samajwadi Party (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आभार जताया. उनके इस बयान पर सपा ने पलटवार किया है.
सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने से बातचीत के दौरान प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरा मायावती से विनम्र आग्रह है कि Samajwadi Party को कोसने के बजाय उन्हें देश में फैल रही सामंतवादी और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. आज जरूरत मनुवाद और असमानता के खिलाफ सतत संघर्ष की है. अगर वह इस दिशा में बोलतीं तो यह समाज के लिए अधिक सार्थक होता.”
सुमन ने आगे कहा कि, “Samajwadi Party को कोसने से बसपा को कोई लाभ नहीं होगा. भाजपा की बात करें तो एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक अत्याचार दलितों पर हुए हैं. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और गौतम बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ा गया, लेकिन मायावती ने उस पर एक शब्द भी नहीं कहा. ऐसे में भाजपा की तारीफ करना गलत संदेश देता है.”
सपा सांसद ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “आज पूरे देश में यह संदेश जा रहा है कि बसपा, भाजपा की ‘बी टीम’ के रूप में काम कर रही है. मायावती को उपदेश देने के बजाय आत्मचिंतन करना चाहिए कि जब वे उत्तर प्रदेश की Chief Minister थीं, तो उस समय कांशीराम की तपस्या और सेवा से उन्हें यह अवसर मिला था. अगर वह फिर से देश की राजनीति में अपनी मजबूत भूमिका चाहती हैं, तो उन्हें सुविधाभोगी राजनीति छोड़कर संघर्ष का रास्ता अपनाना चाहिए.”
अंत में सुमन ने कहा कि मायावती को नकारात्मक राजनीति छोड़कर सकारात्मक दिशा में समाज और दलित हितों के लिए संघर्ष करना चाहिए.
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एएसएच/जीकेटी
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