New Delhi, 6 अक्टूबर . दिल्ली के मध्य जिला साइबर Police ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली और उत्तर प्रदेश से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने एक व्यक्ति से 20 लाख रुपए से ज्यादा रकम ठग ली. Police ने आरोपियों के पास से 14 मोबाइल, 40 चेकबुक, 33 सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड, 14 पैन कार्ड, 7 डिजिटल हस्ताक्षर, एक लग्जरी कार और अन्य सामान बरामद किया.
शिकायतकर्ता ने बताया कि साइबर ठगों ने खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और Police अधिकारी बताकर उसे डराया. ठगों ने दावा किया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों में हुआ है और उसे डिजिटल गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है.
एक स्काइप कॉल पर फर्जी एनसीबी पहचान पत्र दिखाकर उसे डराया गया. दबाव में आकर उसने अपने बैंक खाते से 89,286 रुपए और बाद में 19.92 लाख रुपए (पर्सनल लोन) फर्जी खाते में ट्रांसफर कर दिए. इस आधार पर मध्य जिला साइबर Police ने First Information Report दर्ज की और जांच शुरू की.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी सुलेखा जगरवार और इंस्पेक्टर संदीप पंवार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई. इस टीम ने तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा में छापेमारी की.
पहले आरोपी लोकेश गुप्ता को मुकुंदपुर, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उसने बताया कि उसने दो फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोले. उसकी निशानदेही पर मनोज चौधरी, मोहित जैन, केशव कुमार और सैफ अली को गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में पता चला कि यह एक अखिल भारतीय साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा था. ठग फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोलते थे और ठगी की रकम को कई खातों में बांटकर सफेद करते थे.
राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर इस नेटवर्क से जुड़ी 473 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें दिल्ली के 24 मामले शामिल हैं. Police ने लोगों से अनजान कॉल्स और लिंक पर भरोसा न करने की अपील की है. फिलहाल जांच जारी है.
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एसएचके/वीसी
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