शिलांग, 5 नवंबर . असम राइफल्स के महानिदेशक कार्यालय शिलांग से एक प्रतिनिधिमंडल ने दो से पांच नवंबर तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा की.
इस यात्रा ने दोनों सुरक्षा बलों के बीच दोस्ती, आपसी समन्वय और एकता की भावना को और मजबूत किया. भारतीय तटरक्षक बल ने मेहमान टीम को अपनी विभिन्न क्षमताओं से अवगत कराया, जिससे सहयोग की नई संभावनाएं खुलीं.
प्रतिनिधिमंडल पोर्ट ब्लेयर पहुंचा तो तटरक्षक बल के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. पहले दिन खोज और बचाव अभियानों की जानकारी दी गई. टीम ने जहाजों पर लगे विशेष उपकरण देखे और समझा कि समुद्र में फंसे लोगों को कैसे बचाया जाता है. दूसरे दिन समुद्री प्रदूषण से निपटने की तैयारी पर ध्यान दिया गया. तटरक्षक बल ने बताया कि तेल रिसाव जैसी घटनाओं में कैसे तुरंत कार्रवाई की जाती है. विशेष जहाजों और रासायनिक सामग्रियों का इस्तेमाल करके प्रदूषण को रोका जाता है.
तीसरे दिन जलमग्न इकाइयों के संचालन को समझाया गया. पनडुब्बी या डूबे जहाजों से जवानों को निकालने की तकनीक दिखाई गई. टीम ने गोताखोरों की ट्रेनिंग और बचाव उपकरणों को करीब से देखा. चौथे दिन विमानन इकाइयों का दौरा हुआ. यह बताया गया कि हेलीकॉप्टर और हवाई जहाजों से समुद्री निगरानी कैसे की जाती है. आपात स्थिति में हवा से राहत सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया भी समझाई गई.
पूरी यात्रा के दौरान दोनों बलों के अधिकारी एक दूसरे के अनुभव साझा करते रहे. असम राइफल्स के जवानों ने थल क्षेत्र की सुरक्षा की बारीकियां बताईं, जबकि तटरक्षक बल ने समुद्री चुनौतियों पर प्रकाश डाला. चर्चाओं में पता चला कि सीमा और समुद्र दोनों जगह खतरे आपस में जुड़े हैं, इसलिए एक दूसरे की ताकत को समझना जरूरी है.
यात्रा के अंत में संयुक्त समारोह हुआ. तटरक्षक बल के कमांडेंट ने कहा कि ऐसी मुलाकातें राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाती हैं. असम राइफल्स के प्रतिनिधि ने इसे उपयोगी और प्रेरणादायक बताया. दोनों पक्षों ने भविष्य में संयुक्त अभ्यास करने का वादा किया.
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एसएचके/डीकेपी
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