शामली के कांधला कस्बे में उस दिन माहौल बेहद अजीब था। लोग दबी जुबान में बातें कर रहे थे—“क्या वाकई ऐसा हो सकता है कि कोई पत्नी अपने पति को बस में सोता छोड़कर लाखों रुपये और गहनों समेत गायब हो जाए?”
कस्बे के एक युवक ने यह सब अपनी आंखों से झेला। वह अपनी पत्नी के साथ देहरादून में रहकर सैलून चलाता था। मेहनत से जमा किए पैसों से उसने कस्बे में एक प्लॉट खरीदा था। उस दिन दोनों रुपये और गहने लेकर बस से लौट रहे थे। पति सफर की थकान में सो गया। जब उसकी आंख खुली, तो पास वाली सीट खाली थी। पत्नी नदारद थी। उसके साथ रखे बैग से रुपये और जेवर भी गायब थे।
वह घबराहट में बस के हर कोने को टटोलता रहा, मगर पत्नी का कोई निशान नहीं मिला। बार-बार मन में सवाल उठ रहा था—क्या यह कोई पहले से रची साजिश थी? या अचानक लिया गया फैसला? हिम्मत टूटती देख वह सीधे थाने जा पहुंचा और तहरीर देकर पत्नी पर रुपये-जेवर लेकर भाग जाने का आरोप लगाया।
लेकिन यही कहानी का अंत नहीं था।
ठीक इसी कस्बे के दूसरे मोहल्ले से भी एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक महिला पर आरोप लगा कि उसने घर से एक लाख रुपये समेटे और अपने पहले पति के पास जा पहुंची। दरअसल, पीड़ित युवक ने पांच साल पहले शादी की थी। समय के साथ रिश्तों में दूरियां बढ़ीं, लेकिन उसे यकीन था कि उसकी पत्नी उसका साथ निभाएगी।
हकीकत कुछ और ही निकली। महिला ने घर से नकदी उठाई और सीधे अपने पहले पति के पास चली गई। उस आदमी ने पुलिस को बताया कि शादी के दौरान उसकी पत्नी ने दो बैंकों से कर्ज लिया था। कर्ज चुकाने की चिंता तो थी ही, ऊपर से यह नया धोखा किसी सदमे से कम नहीं था।
दोनों घटनाओं ने कस्बे में सनसनी फैला दी। एक तरफ पति बस में बैठा रह गया और पत्नी रुपये-जेवर समेत हवा हो गई। दूसरी तरफ, एक महिला ने नया घर छोड़कर पुराने रिश्ते को फिर से अपना लिया।
पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है। लोग कहते हैं—“आजकल भरोसा ही सबसे महंगा हो गया है। कब कौन किसका साथ छोड़ दे, कोई भरोसा नहीं।”
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