कहते हैं पति और पत्नी का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है। हालांकि अपने जीवन का कौन सा सच लाइफ पार्टनर को बताना चाहिए या नहीं, ये खुद को ही तय करना होता है। मध्य प्रदेश में एक लड़की को अपने जीवन का एक सच बताना बहुत भारी पड़ गया। पति ने उसका सच जाना तो फौरन ही पत्नी को छोड़ दिया और शादी टूट गई।
दोनों के तलाक का मामला भी तीन साल से कोर्ट में लंबित चल रहा था। इस बीच कई बार प्रयास किए गए कि पत्नी को पति वापस अपने साथ घर ले जाए लेकिन वो तैयार नहीं हुआ। आखिरकार तीन साल बाद दोनों का विवाह शून्य घोषित कर दिया गया और दोनों की शादी टूट गई। आखिर वो सच क्या था, आइए हम आपको बताते हैं।
ये मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है। यहां रहने वाले 25 साल के युवक ने इसी शहर की लड़की से शादी की थी। लड़की की उम्र 21 साल की थी। दोनों की शादी परिवार की रजामंदी से की गई थी। शादी के दोनों की पहली रात थी। हालांकि इसी बीच लड़की ने अपने जीवन का सच बताना चाहा।
सुहागरात पर जब दोनों अकेले में थे तब पत्नी और पति में बातें हो रही थीं। दोनों ही अपनी जिन्दगी के कुस किस्से सुना रहे थे। पत्नी ने भी पति को अपने जीवन का कुछ सच बताना चाहा। इसी दौरान उसने एक ऐसा सच बता दिया जिसको सुनने के बाद लड़का सन्न रह गया और फौरन ही कमरे से बाहर निकलकर आ गया।
ये था वो सच जो बीवी ने पति को बतायाअब हम आपको वो सच बताते हैं जो बीवी ने सुहागरात पर अपने पति को बताया। पत्नी ने पति को बताया कि उसका रेप हो चुका है। उसने बताया कि उसी के मामा के लड़के ने उसके साथ शादी से पहले दुष्कर्म किया था। लड़की ने जैसे ही इस सच को बताया, पति हैरान रह गया और गुस्से में कमरे से बाहर निकल आया।
पत्नी का सच जानने के बाद पति फौरन ही रूम से बाहर आया। इसके बाद उसने परिवार वालों को इकट्ठा कर सारी बात बता दी। इसके अगले दिन वो बीवी को वापस मायके छोड़ आया। इस फैसले में उसके परिवार ने भी उसका साथ दिया। कई बार मनाने के बाद भी वो बीवी को वापस ससुराल लेकर नहीं आया।
कोर्ट पहुंच गया मामला, हो गया तलाकपति ने फैमिली कोर्ट में भी तलाक के लिए आवेदन दे दिया। इसी बीच पत्नी ने आरोपी मामा के लड़के पर रेप का केस दर्ज करवा दिया। हालांकि तब भी पति उसको रखने के लिए राजी नहीं हुआ। लड़की के परिवार वालों ने उसको बहुत समझाने की कोशिश की। इसके बाद भी उसने शादी को तोड़ने की बात ही की।
लड़के के परिवार वाले भी दुष्कर्म पीड़िता बहू को अपने घर में दोबारा नहीं लाना चाहते थे। इसी वजह से वे लोग भी बेटे के फैसले में उसका साथ दे रहे थे। कोर्ट ने कई बार लड़की को उसका पक्ष रखने के लिए बुलाया लेकिन वो कोर्ट नहीं आई। इसके बाद कोर्ट ने दोनों का विवाह शून्य घोषित कर दिया।
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