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JEE Main 2026: NCERT किताबों से तैयारी के 10 प्रभावी टिप्स

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JEE Main 2026 की तैयारी

जेईई मेन 2026

JEE Main 2026: भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे IITs, NITs और IIITs में प्रवेश के लिए JEE Main परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। JEE Main की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए NCERT की किताबें एक विश्वसनीय और प्रभावी संसाधन मानी जाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न छात्रों की मूलभूत समझ पर आधारित होते हैं, जो NCERT से सबसे अच्छी तरह विकसित होती है।

यह परीक्षा भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इसलिए, केवल मेहनत करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समझदारी से अध्ययन करना और सही रणनीति अपनाना भी आवश्यक है। आइए जानते हैं कि JEE Main 2026 की तैयारी कैसे की जा सकती है।

1- NCERT की किताबें क्यों पढ़ें?

NCERT की किताबों में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के सभी विषयों को सरल भाषा में समझाया गया है। आंकड़ों के अनुसार, परीक्षा के 60-70% प्रश्न सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से NCERT से संबंधित होते हैं। भौतिकी में अवधारणाओं और सूत्रों को समझने के लिए NCERT सबसे महत्वपूर्ण है। रसायन विज्ञान में, कई प्रश्न सीधे NCERT से आते हैं। वहीं, गणित में मूल सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए NCERT आवश्यक है।

2- विषयवार तैयारी की योजना

गणित: प्रतिदिन कम से कम दो घंटे केवल प्रश्न हल करने में लगाएं। कलन, बीजगणित और समन्वित ज्यामिति जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दें।

रसायन विज्ञान: अकार्बनिक भाग को बार-बार दोहराएं और NCERT से नोट्स बनाएं। कार्बनिक रसायन में प्रतिक्रिया तंत्र को समझें और भौतिक रसायन में संख्यात्मक समस्याओं का अभ्यास करें।

भौतिकी: प्रत्येक अध्याय की मूल सिद्धांत को गहराई से पढ़ें। आधुनिक भौतिकी और इलेक्ट्रोडायनेमिक्स जैसे उच्च महत्व वाले विषयों को प्राथमिकता दें।

3- अतिरिक्त किताबें

बुनियाद मजबूत करने के बाद, आप H.C. Verma (भौतिकी), R.D. Sharma (गणित) और O.P. Tandon (रसायन विज्ञान) जैसी अतिरिक्त किताबें अपनी अध्ययन सूची में शामिल कर सकते हैं। ये किताबें अवधारणाओं को स्पष्ट करने और अभ्यास बढ़ाने में सहायक होती हैं।

4- मॉक टेस्ट से आत्मविश्वास बढ़ाएं

परीक्षा से लगभग दो महीने पहले नियमित मॉक टेस्ट देना शुरू करें। कोशिश करें कि टेस्ट उसी समय दें जब असली परीक्षा होती है, ताकि शरीर और मस्तिष्क उस रूटीन के अभ्यस्त हो जाएं। हर टेस्ट के बाद उसका विश्लेषण करें, यह जानने के लिए कि किन प्रश्नों में गलती हुई, किस विषय में अधिक समय लगा और किन विषयों पर अधिक अभ्यास की आवश्यकता है।

5- समय प्रबंधन

मॉक टेस्ट से आप तीन घंटे में तीनों सेक्शन को संतुलित करना सीख सकते हैं। इससे यह समझ आता है कि किस विषय पर अधिक या कम समय देना है। नियमित मॉक टेस्ट देने से समय प्रबंधन, गति और सटीकता में सुधार होता है, जिससे असली परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन संभव होता है।

6- पुराने प्रश्नपत्रों से पैटर्न समझें

पिछले पांच वर्षों के प्रश्नपत्र हल करना बेहद लाभकारी होता है। इससे न केवल परीक्षा के पैटर्न और कठिनाई स्तर की समझ मिलती है, बल्कि यह भी पता चलता है कि किन विषयों से बार-बार प्रश्न पूछे जाते हैं। कई बार NTA पुराने प्रश्नों के समान नए प्रश्न पूछता है, इसलिए यह अभ्यास अत्यंत उपयोगी साबित होता है।

7- छोटे नोट्स बनाएं

लंबे अध्यायों को बार-बार पढ़ने के बजाय छोटे और संक्षिप्त नोट्स बनाएं। इन नोट्स में सभी महत्वपूर्ण सूत्र, प्रतिक्रियाएं और कठिन विषय शामिल करें। इससे न केवल अध्ययन आसान होगा बल्कि समय भी बचेगा। हर दिन सोने से पहले इन नोट्स को एक बार जरूर दोहराएं।

8- नियमित पुनरावलोकन करें

परीक्षा से पहले पुनरावलोकन के दौरान भी नोट्स बहुत सहायक होते हैं, क्योंकि इससे पूरे पाठ्यक्रम को कम समय में दोहराया जा सकता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। ऐसा करने से याददाश्त मजबूत होती है और अवधारणाएं लंबे समय तक याद रहती हैं। इसलिए नियमित पुनरावलोकन करना आवश्यक है।

9- स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बनाए रखें

पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन 6-7 घंटे की नींद लें और हर एक घंटे की पढ़ाई के बाद 10 मिनट का ब्रेक जरूर लें। इससे एकाग्रता बनी रहती है।

10- सकारात्मक रहना जरूरी है

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सकारात्मक सोच बनाए रखें। यदि जनवरी सत्र में अपेक्षित परिणाम न मिले तो निराश न हों, क्योंकि अप्रैल सत्र में खुद को सुधारने और बेहतर प्रदर्शन करने का एक और अवसर मिलेगा।

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