महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार ने देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक और राहत दी है। सरकार ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) की दरों में 15 साल बाद बड़ा बदलाव किया है। यह नई दरें 13 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी। साल 2014 के बाद पहली बार लगभग 2,000 मेडिकल प्रक्रियाओं की दरों को अपडेट किया गया है। इन बदलावों से सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड लोग बेहतर इलाज पा सकेंगे और अस्पतालों को भी सेवाओं के बदले उचित भुगतान मिलेगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे कैशलेस इलाज की समस्याएं काफी हद तक खत्म होंगी।
क्या है CGHS और इसमें क्या सुविधाएं मिलती हैं
CGHS यानी Central Government Health Scheme एक मेडिकल सेवा योजना है जो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को देती है। इस योजना में रजिस्टर्ड लोगों को ओपीडी जांच, डॉक्टर की सलाह, सर्जरी और अस्पताल में भर्ती जैसी सुविधाएं बहुत कम खर्च में या कैशलेस मिलती हैं। इसके लिए सरकार ने कुछ खास अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल किया है, जो CGHS के तय रेट पर इलाज करते हैं। पर पिछले कुछ सालों से शिकायतें आ रही थीं कि अस्पताल पुराने रेट्स के कारण कैशलेस इलाज से इनकार कर देते थे।
नई दरों में क्या बदलाव हुआ है
सरकार ने करीब 2,000 मेडिकल प्रोसेस के रेट बदल दिए हैं। अब ये रेट शहर की श्रेणी (Tier-I, II, III) और अस्पताल की गुणवत्ता पर आधारित होंगे। नीचे कुछ मुख्य बदलाव दिए गए हैं:
टियर-II शहरों में इलाज की दरें बेस रेट से 19% कम होंगी।
टियर-III शहरों में ये दरें 20% कम होंगी।
नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (NABH) प्रमाणित अस्पतालों को इलाज के लिए बेस रेट मिलेगा।
गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम रेट मिलेगा।
200 से ज्यादा बेड वाले सुपर-स्पेशियल्टी अस्पतालों को 15% ज्यादा रेट मिलेगा।
इस बदलाव से अब इलाज का खर्च अस्पताल की मान्यता, शहर की श्रेणी और उसकी सुविधाओं पर तय होगा।
बदलाव की जरूरत क्यों पड़ीपुरानी दरों के कारण कई अस्पताल कैशलेस इलाज देने से मना कर देते थे। मरीजों को पहले अपनी जेब से खर्च करना पड़ता था और बाद में रिफंड का इंतज़ार करना पड़ता था। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को काफी परेशानी होती थी। अब दरों को समय के हिसाब से अपडेट कर दिया गया है, जिससे अस्पतालों को सही पेमेंट मिलेगा और वे बिना झिझक कैशलेस इलाज देंगे। इससे मरीजों को भी राहत मिलेगी। सरकार का कहना है कि यह बदलाव पिछले 15 सालों का सबसे बड़ा सुधार है। इससे CGHS योजना और बेहतर तरीके से काम करेगी।
क्या है CGHS और इसमें क्या सुविधाएं मिलती हैं
CGHS यानी Central Government Health Scheme एक मेडिकल सेवा योजना है जो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को देती है। इस योजना में रजिस्टर्ड लोगों को ओपीडी जांच, डॉक्टर की सलाह, सर्जरी और अस्पताल में भर्ती जैसी सुविधाएं बहुत कम खर्च में या कैशलेस मिलती हैं। इसके लिए सरकार ने कुछ खास अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल किया है, जो CGHS के तय रेट पर इलाज करते हैं। पर पिछले कुछ सालों से शिकायतें आ रही थीं कि अस्पताल पुराने रेट्स के कारण कैशलेस इलाज से इनकार कर देते थे।
नई दरों में क्या बदलाव हुआ है
सरकार ने करीब 2,000 मेडिकल प्रोसेस के रेट बदल दिए हैं। अब ये रेट शहर की श्रेणी (Tier-I, II, III) और अस्पताल की गुणवत्ता पर आधारित होंगे। नीचे कुछ मुख्य बदलाव दिए गए हैं:
टियर-II शहरों में इलाज की दरें बेस रेट से 19% कम होंगी।
टियर-III शहरों में ये दरें 20% कम होंगी।
नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (NABH) प्रमाणित अस्पतालों को इलाज के लिए बेस रेट मिलेगा।
गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम रेट मिलेगा।
200 से ज्यादा बेड वाले सुपर-स्पेशियल्टी अस्पतालों को 15% ज्यादा रेट मिलेगा।
इस बदलाव से अब इलाज का खर्च अस्पताल की मान्यता, शहर की श्रेणी और उसकी सुविधाओं पर तय होगा।
बदलाव की जरूरत क्यों पड़ीपुरानी दरों के कारण कई अस्पताल कैशलेस इलाज देने से मना कर देते थे। मरीजों को पहले अपनी जेब से खर्च करना पड़ता था और बाद में रिफंड का इंतज़ार करना पड़ता था। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को काफी परेशानी होती थी। अब दरों को समय के हिसाब से अपडेट कर दिया गया है, जिससे अस्पतालों को सही पेमेंट मिलेगा और वे बिना झिझक कैशलेस इलाज देंगे। इससे मरीजों को भी राहत मिलेगी। सरकार का कहना है कि यह बदलाव पिछले 15 सालों का सबसे बड़ा सुधार है। इससे CGHS योजना और बेहतर तरीके से काम करेगी।
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