जब कोई पति अपनी पत्नी को फ्लैट गिफ्ट करता है, तो देखने में यह एक अच्छा और टैक्स से बचने वाला फैसला लगता है। इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, पति‑पत्नी जैसे करीबी रिश्तेदारों के बीच दिए गए गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता। मतलब अगर आपने अपनी पत्नी को फ्लैट गिफ्ट किया, तो उस वक्त न आपको कोई इनकम टैक्स देना पड़ेगा और न ही आपकी पत्नी को। लेकिन बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। आगे चलकर इस गिफ्ट से जुड़े कुछ ऐसे टैक्स और कानूनी नियम हैं, जिनका असर आप पर पड़ सकता है। इसलिए गिफ्ट देने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि इसका सही तरीका क्या है, क्या इससे कोई इनकम होगी जिस पर टैक्स लगेगा, और अगर पत्नी भविष्य में वह फ्लैट बेचती है तो उस पर टैक्स कैसे लगेगा।
गिफ्ट डीड और रजिस्ट्रेशन
अगर आप अपनी पत्नी को फ्लैट गिफ्ट करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। सिर्फ कह देने से गिफ्ट मान्य नहीं होता। इसके लिए एक गिफ्ट डीड नाम का दस्तावेज़ बनाना पड़ता है, जिसमें साफ लिखा होता है कि फ्लैट गिफ्ट में दिया जा रहा है। फिर इस डीड को सरकारी ऑफिस में रजिस्टर कराना जरूरी होता है, ताकि आगे चलकर कोई कानूनी दिक्कत न आए। इस काम में कुछ खर्च भी आता है, जैसे कि स्टाम्प ड्यूटी (जो हर राज्य में अलग होती है) और रजिस्ट्रेशन फीस। कई राज्यों में पत्नी को गिफ्ट देने पर स्टाम्प ड्यूटी कम होती है। इस प्रक्रिया के लिए कुछ ज़रूरी डॉक्युमेंट्स होते हैं जैसे कि पति-पत्नी के पैन और आधार कार्ड, फोटो, और फ्लैट के कागज़ात।
क्लबिंग रूल: गिफ्ट के बाद भी टैक्स आपकी जिम्मेदारीइनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 में एक नियम है जिसे क्लबिंग रूल कहा जाता है। इसके अनुसार, अगर आपने अपनी पत्नी को कोई ऐसी चीज़ गिफ्ट की है जिससे पैसे आते हैं, जैसे कि किराए वाला फ्लैट, तो उस कमाई पर टैक्स आपकी पत्नी को नहीं बल्कि आपको देना होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर फ्लैट से हर महीने 20,000 हजार रुपय किराया मिलता है, तो साल भर की 2.4 लाख की इनकम आपकी ही मानी जाएगी और उसी हिसाब से टैक्स भी आपका बढ़ेगा। यह नियम इसलिए है ताकि लोग टैक्स बचाने के लिए प्रॉपर्टी अपने परिवार वालों के नाम पर ट्रांसफर करके अपनी कमाई छुपा न सकें। इसलिए, भले ही गिफ्ट देने के बाद प्रॉपर्टी पत्नी के नाम हो, उस से मिलने वाली इनकम का टैक्स आपकी ही जिम्मेदारी होता है।
फ्लैट बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स कैसे लगेगा?
अगर आपकी पत्नी बाद में उस फ्लैट को बेचती है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। टैक्स इस बात के हिसाब से लगेगा कि आपने फ्लैट कितने में खरीदा था, ना कि जब आपने उसे गिफ्ट किया था। मान लीजिए आपने 10 साल पहले फ्लैट 40 लाख में खरीदा और आपकी पत्नी ने अब उसे 1.2 करोड़ में बेचा, तो टैक्स 40 लाख की कीमत पर लगेगा। यह टैक्स आपकी पत्नी को देना होगा। लेकिन अगर वह बेचकर पैसे से नया घर खरीदती है, तो टैक्स में छूट भी मिल सकती है, जो इनकम टैक्स के नियम धारा 54 के तहत मिलती है।
नतीजा : पत्नी को फ्लैट गिफ्ट करना कानूनी और इनकम टैक्स के हिसाब से आमतौर पर टैक्स फ्री होता है, लेकिन ये सिर्फ उस समय तक सही है जब फ्लैट ट्रांसफर होता है। भविष्य में अगर उस फ्लैट से किराया मिलता है तो उसका टैक्स आपको देना पड़ सकता है। साथ ही जब फ्लैट बेचा जाएगा तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स भी लगेगा। इसलिए गिफ्ट डीड बनवाना और स्टाम्प ड्यूटी सही तरीके से चुकाना बहुत जरूरी होता है। इसीलिए, फ्लैट गिफ्ट करने से पहले किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लेना बेहतर रहता है ताकि सभी दस्तावेज सही हों और नियमों का सही पालन हो सके।
गिफ्ट डीड और रजिस्ट्रेशन
अगर आप अपनी पत्नी को फ्लैट गिफ्ट करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। सिर्फ कह देने से गिफ्ट मान्य नहीं होता। इसके लिए एक गिफ्ट डीड नाम का दस्तावेज़ बनाना पड़ता है, जिसमें साफ लिखा होता है कि फ्लैट गिफ्ट में दिया जा रहा है। फिर इस डीड को सरकारी ऑफिस में रजिस्टर कराना जरूरी होता है, ताकि आगे चलकर कोई कानूनी दिक्कत न आए। इस काम में कुछ खर्च भी आता है, जैसे कि स्टाम्प ड्यूटी (जो हर राज्य में अलग होती है) और रजिस्ट्रेशन फीस। कई राज्यों में पत्नी को गिफ्ट देने पर स्टाम्प ड्यूटी कम होती है। इस प्रक्रिया के लिए कुछ ज़रूरी डॉक्युमेंट्स होते हैं जैसे कि पति-पत्नी के पैन और आधार कार्ड, फोटो, और फ्लैट के कागज़ात।
क्लबिंग रूल: गिफ्ट के बाद भी टैक्स आपकी जिम्मेदारीइनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 में एक नियम है जिसे क्लबिंग रूल कहा जाता है। इसके अनुसार, अगर आपने अपनी पत्नी को कोई ऐसी चीज़ गिफ्ट की है जिससे पैसे आते हैं, जैसे कि किराए वाला फ्लैट, तो उस कमाई पर टैक्स आपकी पत्नी को नहीं बल्कि आपको देना होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर फ्लैट से हर महीने 20,000 हजार रुपय किराया मिलता है, तो साल भर की 2.4 लाख की इनकम आपकी ही मानी जाएगी और उसी हिसाब से टैक्स भी आपका बढ़ेगा। यह नियम इसलिए है ताकि लोग टैक्स बचाने के लिए प्रॉपर्टी अपने परिवार वालों के नाम पर ट्रांसफर करके अपनी कमाई छुपा न सकें। इसलिए, भले ही गिफ्ट देने के बाद प्रॉपर्टी पत्नी के नाम हो, उस से मिलने वाली इनकम का टैक्स आपकी ही जिम्मेदारी होता है।
फ्लैट बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स कैसे लगेगा?
अगर आपकी पत्नी बाद में उस फ्लैट को बेचती है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। टैक्स इस बात के हिसाब से लगेगा कि आपने फ्लैट कितने में खरीदा था, ना कि जब आपने उसे गिफ्ट किया था। मान लीजिए आपने 10 साल पहले फ्लैट 40 लाख में खरीदा और आपकी पत्नी ने अब उसे 1.2 करोड़ में बेचा, तो टैक्स 40 लाख की कीमत पर लगेगा। यह टैक्स आपकी पत्नी को देना होगा। लेकिन अगर वह बेचकर पैसे से नया घर खरीदती है, तो टैक्स में छूट भी मिल सकती है, जो इनकम टैक्स के नियम धारा 54 के तहत मिलती है।
नतीजा : पत्नी को फ्लैट गिफ्ट करना कानूनी और इनकम टैक्स के हिसाब से आमतौर पर टैक्स फ्री होता है, लेकिन ये सिर्फ उस समय तक सही है जब फ्लैट ट्रांसफर होता है। भविष्य में अगर उस फ्लैट से किराया मिलता है तो उसका टैक्स आपको देना पड़ सकता है। साथ ही जब फ्लैट बेचा जाएगा तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स भी लगेगा। इसलिए गिफ्ट डीड बनवाना और स्टाम्प ड्यूटी सही तरीके से चुकाना बहुत जरूरी होता है। इसीलिए, फ्लैट गिफ्ट करने से पहले किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लेना बेहतर रहता है ताकि सभी दस्तावेज सही हों और नियमों का सही पालन हो सके।
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