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'तुफान एक्सप्रेस' की वापसी! आज़ादी से पहले चली यह ऐतिहासिक ट्रेन अब फिर जोड़ेगी 8 राज्य

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श्रीगंगानगर और हावड़ा के बीच लोगों की पहली पसंद रही 'उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस' के फिर से पटरी पर दौड़ने की उम्मीदें एक बार फिर जग गई हैं। लंबे समय से बंद इस ऐतिहासिक ट्रेन के जीर्णोद्धार की तैयारियां रेलवे बोर्ड स्तर पर शुरू होने की उम्मीद है।

पूर्व ZRUCC सदस्य भीम शर्मा ने हाल ही में पंजाब दौरे पर आए रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के समक्ष इस ट्रेन के जीर्णोद्धार की मांग उठाई। शर्मा ने मंत्री को बताया कि आजादी से पहले शुरू हुई यह ट्रेन न केवल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि आठ राज्यों को जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण साधन थी। इस पर रेल राज्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि रेलवे बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव आने पर जीर्णोद्धार पर विचार किया जाएगा। अबोहर विधायक संदीप जाखड़ ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

ऐतिहासिक यात्रा और लंबी दूरी
तूफान एक्सप्रेस का इतिहास लगभग 95 वर्ष पुराना है। इसे पहली बार ब्रिटिश शासन के दौरान 1 जून 1930 को हावड़ा से चलाया गया था। यह ट्रेन लगभग 1978 किलोमीटर की दूरी 45 घंटे 25 मिनट में तय करती थी। श्रीगंगानगर पहुँचने से पहले यह ट्रेन पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से होकर गुजरती थी।

कोरोना से पहले ही रुक गई थी रफ्तार
कोरोना काल से पहले ही इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। रेलवे की नई समय सारिणी में जगह न मिलने के बाद माना जा रहा था कि यह ट्रेन अब हमेशा के लिए इतिहास का हिस्सा बन गई है। प्रयागराज जैसे प्रमुख स्टेशनों पर हर दिन गूंजने वाली इसकी घोषणा अब केवल यादों में ही रह गई है।

110 स्टेशनों पर ठहराव
समय के साथ इस ट्रेन का ठहराव बढ़कर 110 रेलवे स्टेशनों तक पहुँच गया। यह हावड़ा, पटना, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, नई दिल्ली, भटिंडा जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकते हुए श्रीगंगानगर पहुँचती थी। इसकी औसत गति 44 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

स्थानीय यात्रियों की भी पहली पसंद
लंबी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद, तूफान एक्सप्रेस स्थानीय यात्रियों की भी पसंद थी। उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रयागराज से कानपुर, सिराथू और भरवारी जैसे स्टेशनों के लिए बड़ी संख्या में दैनिक यात्री इसी पर निर्भर थे।

उम्मीदों को फिर मिली उड़ान
लंबे समय से इतिहास के पन्नों में सिमटी इस ट्रेन के बहाल होने की खबर ने यात्रियों और रेल प्रेमियों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। अगर रेलवे बोर्ड स्तर पर सहमति बन जाती है, तो संभव है कि जल्द ही उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस एक बार फिर पटरियों पर दौड़ती नज़र आएगी और अपने गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाएगी।

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