विधायकों और सांसदों से अपने मद से जुड़े सभी काम कराने के लिए अब कागजों पर सिफारिशें नहीं ली जाएंगी। जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों की संस्तुति के लिए डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा। ग्राम्य विकास विभाग ने इसके लिए ई-काम मोबाइल एप की सुविधा शुरू की है। विधायक अब मोबाइल पर ही देख सकेंगे कि उन्होंने जिन कार्यों की संस्तुति की है, उनकी वित्तीय स्वीकृति, भौतिक प्रगति, आवंटित-स्वीकृत राशि कितनी है।
इसी तरह संबंधित विभागों के अधिकारी भी इन कार्यों का निरीक्षण कर सकेंगे, एप से प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे। विभागीय योजनाओं के तहत कराए जाने वाले कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति भी अब 'ई-काम' पोर्टल के जरिए ई-साइन के जरिए ऑनलाइन दी जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा विधायक मद के बजट में अनियमितताओं, गड़बड़ियों और लूट-खसोट को पूरी तरह रोकना है।
इससे काम में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही तय होगी। यह नई व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभावी कर दी गई है, लेकिन बजट के अभाव में अभी तक किसी विधायक ने इस व्यवस्था का औपचारिक तौर पर इस्तेमाल शुरू नहीं किया है। ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को नई प्रक्रिया के तहत अनुशंसाएं लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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