पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब कई नवाचार किए जा रहे हैं। जल्द ही पर्यटक रात में भी शहर में घूमते नजर आएंगे। जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक काफी महत्वपूर्ण रही। इसमें रात्रि पर्यटन के लिए जरूरी मुद्दों पर चर्चा की गई और इसे जल्द ही मूर्त रूप देने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने रात्रि पर्यटन को लेकर अभियान चलाया हुआ है। पत्रिका का अभियान अब रंग लाने लगा है।
रात्रि पर्यटन की अपार संभावनाएं- कलक्टर
रात्रि पर्यटन की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि रात्रि पर्यटन की दृष्टि से उदयपुर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, बाजार व अन्य आधारभूत ढांचे को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की बजट घोषणा भी है और इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए। इस दौरान पर्यटन स्थलों का समय बढ़ाने आदि पर चर्चा हुई।
फतेहपुरा चौराहे पर होगा एआई आधारित यातायात प्रबंधन
बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए यातायात प्रबंधन पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फतेहपुरा चौराहे पर एआई आधारित यातायात प्रबंधन लागू करने के निर्देश दिए। यह व्यवस्था एक माह में लागू हो जाएगी। एआई सिस्टम वास्तविक समय में यातायात का विश्लेषण करेगा। यदि किसी विशेष दिशा में वाहनों की संख्या अधिक है, तो उस दिशा के लिए हरी बत्ती की अवधि बढ़ जाएगी। इससे जाम से निजात मिलेगी। जिला कलक्टर ने सुझाव दिया कि पुराने शहर और फतेहसागर क्षेत्र को सप्ताहांत में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक पैदल यात्री क्षेत्र घोषित किया जा सकता है। इससे पर्यटकों को घूमने में अधिक सुविधा और सुरक्षा मिलेगी।
वन्यजीव पर्यटन सर्किट योजना बनेगी
वन्यजीव पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए जिला कलक्टर ने चित्तौड़गढ़, राजसमंद और संभाग के अन्य जिलों को मिलाकर एकीकृत सर्किट योजना तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिए कि वे एक सप्ताह में वन्यजीव पर्यटन सर्किट योजना तैयार कर प्रमुख होटलों और पर्यटन स्थलों पर लगाएं, ताकि पर्यटकों को इसकी जानकारी आसानी से मिल सके। इस योजना में प्रत्येक वन क्षेत्र की विशेषता, खुलने का समय, किराया सूची आदि को ध्यान में रखा जाए। डीएफओ को निर्देश दिए कि सज्जनगढ़ की घुमावदार सड़कों पर लगे उत्तल दर्पण (सुरक्षा दर्पण) को एक सप्ताह में ठीक करवाएं।
सुरक्षा एवं सुविधाओं पर विशेष जोर
बैठक में पर्यटन थाने की प्रभावी निगरानी करने तथा दलालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिला कलक्टर ने एक माह के भीतर सभी पर्यटन स्थलों के बाहर कलात्मक संकेतक लगाने के भी निर्देश दिए, ताकि पर्यटक आसानी से स्थलों की पहचान कर सकें। पर्यटन थाने में उपलब्ध स्टाफ की जानकारी लेते हुए पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं की साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए नगर निगम एवं यूडीए आयुक्त को सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन पर्यटन स्थलों पर सुविधाएं निर्मित हैं, उनकी नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए तथा जहां आवश्यक हो, वहां तत्काल मरम्मत कराई जाए।
ऑटो का किराया तय होगा, रात में अधिक किराया नहीं ले सकेंगे
बैठक में पर्यटन थाने, ऑटो स्टैण्ड एवं ऑटो किराया निर्धारण पर चर्चा करते हुए ऑटो का किराया तय करने, ऑटो चालकों की वर्दी, नम्बर एवं नेम प्लेट अंकित करवाने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर जिला कलक्टर ने ऑटो चालक संघ, पर्यटन, प्रशासन, परिवहन अधिकारी एवं यातायात पुलिस के प्रतिनिधियों को बैठक कर इस दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम (प्रशासन) दीपेन्द्र सिंह राठौड़, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, यूडीए आयुक्त राहुल जैन, पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना, जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा, डिप्टी एसपी ट्रैफिक अशोक अंजाना, डीएफओ सुनील कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
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